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कचनार सिटी का शिव मंदिर: भक्ति, भव्यता और आस्था का 76 फीट ऊँचा प्रतीक

- सावन के हर सोमवार को हजारों श्रद्धालु पूजा-पाठ और दर्शन के लिए मंदिर में आते हैं।
- यहां पर विराजमान 76 फीट ऊँची शिव प्रतिमा, जो दूर से ही दिखाई देती है।
- यह शिव मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थान नहीं, बल्कि एक जीवंत आध्यात्मिक अनुभव है
Jabalpur News: जबलपुर शहर के कचनार सिटी में स्थित भगवान शिव का मंदिर न केवल धार्मिक श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि स्थापत्य कला का एक अनूठा उदाहरण भी है। यह मंदिर अपनी भव्यता, दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा के कारण मध्यप्रदेश में ही नहीं, बल्कि आसपास के सभी जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं को भी अपनी ओर आकर्षित करता है।
इस मंदिर का निर्माण वर्ष 2004 में प्रारंभ हुआ था, और 15 फ़रवरी 2006 में जन दर्शन व पूजा के लिए तैयार हआ। इस मूर्ति कि ऊंचाई 76 फीट/23 मीटर है, और यह एक गुफा के उपर बनी हुई है, इस गुफा के अंदर 12 ज्योतिर्लिंग है, जो कि देश के अलग-अलग शिव धार्मिक स्थलों से लायें गए हैं।
इसके निर्माण के पीछे उद्देश्य था- एक ऐसा धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल तैयार करना, जहाँ स्थानीय व आसपास के श्रद्धालु शांति और आस्था का अनुभव कर सकें, और भगवान शिव शंकर के साक्षात दर्शन कर सकें।
मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण है-
यहां पर विराजमान 76 फीट ऊँची शिव प्रतिमा, जो दूर से ही दिखाई देती है। इस प्रतिमा के नीचे एक भूमिगत मंदिर भी बना हुआ है, जिसमें दक्षिण भारत के कांचीपुरम से लाया गया विशाल शिवलिंग स्थापित है। यह शिवलिंग करीब 15 फीट गहराई में स्थित है, और श्रद्धालु नीचे सीढ़ियों से उतरकर शिवलिंग के दर्शन करते हैं। शिवलिंग विशेष रूप से वैदिक विधियों से प्रतिष्ठित किया गया है।
मंदिर की बनावट दक्षिण भारतीय मंदिरों की तर्ज पर की गई है, जिसमें नक्काशीदार खंभे, गुम्बद और वास्तुशिल्प की बारीकियाँ देखने योग्य हैं। मंदिर परिसर में बारह ज्योतिर्लिंगों की सुंदर प्रतिकृति स्थापित की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को एक ही स्थान पर समस्त ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का लाभ मिलता है।
सावन में खास आयोजन-
- श्रावण मास (सावन) के दौरान यह मंदिर भक्तों से भरा रहता है। खासकर हर सोमवार को यहाँ विशेष पूजा-पाठ होता है।
- रुद्राभिषेक,
- दूध और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक,
- बेलपत्र चढ़ाना, शिव चालीसा का पाठ, और भजन संध्या जैसे आयोजन होते हैं।
इन आयोजनों में सैकड़ों की संख्या में लोग भाग लेते हैं और पूरे माह मंदिर का वातावरण भक्तिमय बना रहता है।
महिलाओं के लिए "सुहागिनी पूजन" का आयोजन किया जाता है, जिसमें महिलाएं अपने परिवार की सुख-शांति के लिए शिव जी की पूजा करती हैं।
वहीं युवाओं के लिए कांवड़ यात्रा की समाप्ति का मुख्य स्थान भी यही मंदिर बनता जा रहा है।
मंदिर प्रबंधन सावन के पूरे महीने विशेष कार्यक्रम कराता है, जैसे—
- शिव पुराण कथा
- अन्नदान (भोजन वितरण)
- कन्या पूजन
- रात्रि जागरण (रातभर भजन-कीर्तन)
इन आयोजनों में जबलपुर के अलावा आसपास के शहरों और गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुरक्षा, बैठने और भोजन की उचित व्यवस्था भी रहती है।
मंदिर की खास बातें:-
1. 76 फीट ऊँची शिव जी की मूर्ति:
इस मंदिर की सबसे बड़ी पहचान भगवान शिव की 76 फीट ऊँची विशाल प्रतिमा है। यह मूर्ति इतनी बड़ी है कि दूर से ही दिखाई देती है और लोगों को अपनी ओर खींचती है। यह मूर्ति शिव जी की शक्ति, शांति और तेज का प्रतीक मानी जाती है।
2. दक्षिण भारतीय अंदाज़ में बना मंदिर:
मंदिर की बनावट पूरी तरह से दक्षिण भारत की शैली में की गई है। इसकी दीवारों पर सुंदर नक्काशी और गुम्बद हैं, जो देखने में बहुत आकर्षक लगते हैं और एक अलग आध्यात्मिक अनुभव देते हैं।
3.बारह ज्योतिर्लिंग एक साथ:
मंदिर के अंदर सभी 12 ज्योतिर्लिंगों की सुंदर और छोटी-छोटी प्रतिकृतियाँ बनाई गई हैं। इससे भक्त एक ही जगह पर सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकते हैं।
4. शांत और साफ-सुथरा परिसर:
मंदिर का परिसर बहुत ही शांत और साफ-सुथरा है। यहाँ बैठने के लिए हरे-भरे लॉन हैं, पीने का पानी और प्रसाद की अच्छी व्यवस्था भी है। शहर के बीच में होने के बावजूद यहाँ का वातावरण बहुत ही शांत और सुकून देने वाला है।
मुख्य बातें:-
• 76 फीट ऊँची भगवान शिव की मूर्ति मंदिर की सबसे खास बात है, जो लोगों को बहुत आकर्षित करती है।
• मंदिर में एक भूमि के अंदर शिवलिंग स्थापित किया गया है, जिसे कांचीपुरम (दक्षिण भारत) से लाया गया है।
• सावन के हर सोमवार को हजारों श्रद्धालु पूजा-पाठ और दर्शन के लिए मंदिर में आते हैं।
• मंदिर परिसर में सभी बारह ज्योतिर्लिंगों की सुंदर मूर्तियाँ भी बनी हुई हैं, जिससे एक ही जगह सबके दर्शन हो जाते हैं।
• रुद्राभिषेक, कन्या पूजन और शिव महापुराण कथा जैसे कई धार्मिक कार्यक्रम पूरे सावन महीने में होते रहते हैं।
जबलपुर के कचनार सिटी में स्थित यह शिव मंदिर सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं है, बल्कि अब यह शहर की एक धार्मिक पहचान बन चुका है। यहाँ आने वाले हर श्रद्धालु को एक अलग ही आध्यात्मिक शांति और शक्ति का अनुभव होता है।
विशेष रूप से सावन के पवित्र महीने में यह मंदिर भक्ति, श्रद्धा और ऊर्जा से पूरी तरह भर जाता है। मंदिर का शांत वातावरण, भव्य शिव प्रतिमा और धार्मिक कार्यक्रम लोगों को भगवान शिव के और भी करीब ले जाते हैं।
हर सोमवार को होने वाली विशेष पूजा, रुद्राभिषेक, शिव चालीसा, भजन संध्या और सुहागिनों के लिए पूजन जैसे आयोजन लोगों के दिलों को छू जाते हैं। युवाओं की कांवड़ यात्रा की समाप्ति और श्रद्धालुओं का जुड़ाव इस मंदिर को और भी खास बना देता है।
यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है, बल्कि जबलपुर आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए भी एक जरूरी तीर्थ स्थल बन गया है। यहाँ हर कोई शिव भक्ति में डूब जाता है और ऐसा लगता है जैसे भगवान शिव साक्षात यहीं विराजमान हैं।
कचनार सिटी का यह शिव मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थान नहीं, बल्कि एक जीवंत आध्यात्मिक अनुभव है — जो हर किसी को बार-बार यहाँ खींच लाता है।
Created On :   14 July 2025 4:44 PM IST