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दोस्ती हो तो ऐसी : किसी ने रंक से राजा बना दिया तो किसी ने दोस्त के लिए न्यौछावर कर दिए प्राण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मित्रता आज की नहीं बल्कि पौराणिक काल से चली आ रही है। जीवन में जितना जरूरी मित्र का होना है उससे भी ज्यादा जरुरी होता है एक अच्छे मित्र का होना। मित्र वो, जो कि हमेशा अपके साथ और आपके हितों के बारे मे सोचे। मित्र वो, जो आपकी पीठ पीछे भी आपका रहे, मित्र वो, जो आपकी बुराइयों को खत्म करे, सही और गलत में आपको हमेशा सही रहा को दिखाए।
हमें हमेशा ऐसा ही मित्र बनाना चाहीये, इसकी प्रेणना हमे पौंराणिक काल से चली आ रही मित्रता से लेनी चाहीये। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही मित्रों के बारे में, जिनकी दोस्ती के उदाहरण आज भी दिए जाते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही दोस्ती के उदाहरण...
कृष्ण और सुदामा
आप सभी ने कृष्ण और सुदामा की दोस्ती के बारे में सुना होगा, वे दोनों बचपन के दोस्त थे और गुरुकुल में भी साथ ही रह कर शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद श्रीकृष्ण जी व्दारका के राजा बन गऐ। सुदामा का जीवन गरीबी में ही गुजरा और एक दिन सुदामा की पत्नी ने उनसे अपने मित्र के पास जा कर कुछ मदद का आग्रह करने को कहा। इसके बाद वह जाते हैं और श्रीकृष्ण से मिलते हैं। सुदामा को देख कर ही श्रीकृष्ण जी उनको गले से लगा लेते हैं और उनको अपने महल के अंदर ले कर जाते हैं और अपने राजसिंहासन पर बैठा कर उनके पैर धोतें हैं और उनका ऐसा स्वागत सतकार करते हैं। यह सब देख कर सभी हैरान हो जाते हैं कृष्ण की यह उदारता देख सुदामा उनसे कुछ ना मांग सके और वहां से वापस आ जाते हैं। लेकिन जब वे अपने घर की ओर जाते हैं तो देखते हैं कि श्रीकृष्ण की कृपा से वह पूर्णं रूप से धन.धान्य से सम्पन हो जाते हैं।
कर्णं और दुर्योधन
कर्णं और दुर्योधन की दोस्ती भी बहुत गहरी थी, इसका सबूत तो महाभारत युद्ध में है कि कर्ण बराबरी के हो सकें और युद्ध लड़ सकें इसलिए दुर्योधन ने अंग राज्य की स्थापना की और उसका राजा कर्णं को बनाया। कर्णं ने हमेशा से अपने दोस्त का साथ दिया और उनके साथ हमेशा खड़े रहे यहां तक कि उनकी ओर से युद्ध से शामिल हो कर वीरगती को भी प्राप्त हो गऐ सिर्फ अपनी दोस्त के लिए।
श्रीराम और सुग्रीव
रामायण की कथा तो सभी ने सुनी और लगभग पढ़ी है। जब राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी
के साथ 14 वर्ष वनवासके लिए जाते हैं, तब वन में सीता माता का अपहण लंकापति रावण द्वारा कर लिया जाता है। इसके बाद भगवान श्रीराम और छोटे भाई लक्ष्मण, माता सीता जी की तलाश करने लगते हैं तभी उनकी भेंट सुग्रीव से होती है और सुग्रीव सीता माता को ढूंढने के लिये अपनी वानर सेना को लगा देते हैं और सीता माता का पता लगा कर रावण से युध्द कर लंका पर विजय प्राप्त करते हैं। इस सभी मे सुग्रीव औरर उनकी वानर सैना ने राम जी के साथ मिल कर रावण के साथ युध्द किया।
अर्जुन और श्रीकृष्ण
दोस्ती की मिशाल में अर्जुन और श्रीकृष्ण की मिशाल भी दी जाती है अर्जुन एक महान धनुर्धारी और वीर योध्दा थे। उनको पता था कि बिना कृष्ण की सहायता के वह यह युध्द कभी नही जीत सकेंगे। इसलिए उन्होंनें श्रीकृष्ण की इतनी बड़ी सेना को छोड़ कर बदले में श्रीकृष्ण को अपने साथ युद्ध के लिये लिया। कहा जाता है कि एक सच्चा मित्र अगर साथ में सही पथ.प्रर्दशक के रूप में हो तो आप कोई भी युध्द आसानी से जीत सकते हैं।
मैनेजमेंट स्किल्स: आईसेक्ट द्वारा टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स पर विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट मुख्यालय द्वारा स्कोप कैम्पस में “टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स” पर एम्पलॉइज के लिए विशेष ट्रेनिंग एवं मोटिवेशनल सेशन का आयोजन किया गया। इस सेशन को बतौर मुख्य वक्ता जानी मानी करियर काउंसलर, पर्सनेलिटी ग्रूमिंग एक्सपर्ट और मोटिवेशनल स्पीकर श्रीमति मनीषा आनंद ने संबोधित किया। यह सेशन कार्यस्थल पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित एवं प्रेरित करने के लिए आयोजित किया गया था।
इस दौरान ट्रेनर श्रीमति मनीषा आनंद द्वारा सेल्फ-ऑडिट कैसे करें, अपने विचारों का निरीक्षण और सफाई कैसे करें इत्यादि के बारे में बताया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें लोगों को क्षमा करना और जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना सीखना चाहिए तभी हम दूसरे व्यक्ति को सही मायने में समझ सकते हैं और बेहतर संवाद स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा टाइम मैनेजमेंट पर बात करते हुए कहा कि अपने कार्यों को उनके महत्व एवं तत्कालिकता के आधार पर प्राथमिकताएं प्रदान करें। सत्र में श्रीमती आरती कुमार, एचओडी, एमओओसीएस (MOOCs), श्रीमती मोनिका सिंह, निदेशक- फिनिशिंग स्कूल एवं कॉर्पोरेट रिलेशंस, स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, श्री सुमित मल्होत्रा, एचओडी, एचआर, ने प्रशिक्षण में विशेष रूप से हिस्सा लिया। अपने आभार वक्तव्य में श्रीमती मोनिका सिंह ने सत्र की सराहना की और इस दौरान कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अर्चना जैन द्वारा किया गया।
आईसेक्ट के निदेशक श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने इस पहल पर बात करते आईसेक्ट प्रबंधन टीम के प्रयासों को प्रोत्साहित किया और सराहना की और इस तरह के सत्रों को नियमित आयोजित करते हुए कर्मचारियों के लाभ पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
डिजिटल इंडिया से प्रेरित नए स्टार्टअप लॉ समाधान की नींव रखी है उत्साही और अपने-अपने क्षेत्र के पारखी जोधपुर के गौरव गहलोत, वाराणसी के आयुष मणि मिश्रा और भरतपुर के प्रणव शर्मा ने। यह एक नया स्टार्टअप है जो जल्द ही सेवा देने के लिए बाजार में आ रहा है। यह कानूनी समाधान प्रदान करने में इंडस्ट्री में शीर्ष और अग्रणी वेब पोर्टल बनने की क्षमता रखता है। इस पोर्टल का उद्देश्य भारत में लीगल और लेखा सेवाओं को एक डिजिटल मंच पर लाना है। यह ग्राहकों और नए कारोबारियों के लिए सबसे अच्छा मंच होगा क्योंकि ग्राहक को एक क्लिक पर लॉ समाधान द्वारा सबसे तेज, सर्वोत्तम और सस्ती सेवा प्रदान की जाएगी। यह सभी अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए भी सबसे अच्छा मंच होगा।
कानूनी और लेखा सलाह एक क्लिक पर
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टैगोर के जीवन पर आधारित नाटक प्रस्तुत कर दी श्रद्धांजलि: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने टैगोर को पुण्यतिथि पर किया सादर सुमिरन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारतीय संस्कृति के उद्गाता गुरूदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और टैगोर विश्व कला व संस्कृति केन्द्र द्वारा उनके जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति और एकला चलो रे गीत की प्रस्तुति कर उनका पुण्य स्मरण किया। गुरूदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि 7 अगस्त को रहती है इसी परिप्रेक्ष्य में शनिवार 6 अगस्त को रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कथा सभागार में मनोज नायर के निर्देशन में नाट्य विद्यालय के विद्यार्थियों ने एक नाट्य प्रस्तुति दी। इस मौके पर संतोष कौशिक के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने एकला चलो रे गीत प्रस्तुत किया।
इससे पूर्व टैगोर के चित्र और प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पैठिया, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन नई दिल्ली के सीनियर हेड, स्टेट इंगेजमेंट एंड ऑपरेशन डाॅ. सोवनिष कुरियाकोसे एवं मानविकी एवं उदार कला संकाय की डीन एकेडमिक डाॅ. संगीता जौहरी विषेष रूप से उपस्थित थी। सभी आमंत्रित अतिथियों ने गुरुदेव के कार्यों और विचारों पर बात की। कार्यक्रम का संचालन नाट्य विद्यालय के समन्वयक विक्रांत भट्ट ने किया। आभार डा. मौसमी परिहार ने माना।
टीकाकरण महाभियान में लगे 300 से अधिक टीके: आरएनटीयू मेंराष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आवाज़ के सहयोग से हुआ दो दिवसीय कोरोना टीकाकरण शिविर का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना टीकाकरण महाभियान के अंतर्गत एवं भारत सरकार की मंशानुरूप कुलसचिव डॉ विजय सिंह के निर्देशन में गैर सरकारी संगठन आवाज़ के सहयोग राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा दो दिवसीय कोरोना के प्रथम, द्वितीय एवं बूस्टर डोज़ शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसके पहले दिन विश्वविद्यालयीन स्टाफ सहित स्थानीय 190 लोगों को बूस्टर डोज़ लगाया गया।
टीकाकरण की शुरुआत डीन ऑफ अकेडमिक डॉ संजीव कुमार गुप्ता को डोज़ लगाकर की गई। वहीं दूसरे दिन टीकाकरण की शुरुआत डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय वैशाली के कुलाधिपति मान. डॉ वी के वर्मा को बूस्टर डोज़ लगाकर की गई। साथ प्रो वाइस चांसलर डॉ संगीता जौहरी की उपस्थिति में 125 लोगों को टीका लगाया गया। साथ ही कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह एवं डॉ रेखा गुप्ता तथा पीआरओ श्री विजय प्रताप ने भी डोज़ लगवाकर अन्य लोगों को भी इस हेतु प्रेरित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के दलनायक अविनाश चौहान तथा स्वीटी बाला ने बूस्टर डोज़ के फायदे बताए। आवाज़ के इस सहयोग के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ब्रम्हप्रकाश पेठिया ने बधाई व शुभकामनाएं दीं। इस दो दिवसीय टीकाकरण शिविर में चिकित्सा एवं पैरामेडिकल विभाग का भी सहयोग रहा। मुख्य भूमिका दलनायिका चित्रांशी मीना, मोना लोधी, दीक्षा पटेल, अविनाश कुमार, अमित कुमार, राजू कुमार इत्यादि की रही।