शुरू हो चुका है मलमास, एक महीने तक नहीं बजेंगी शहनाई, मांगलिक कार्यों पर भी लगा विराम

kharmas start: Shehnai will not be played for a month, Manglik works also stopped
शुरू हो चुका है मलमास, एक महीने तक नहीं बजेंगी शहनाई, मांगलिक कार्यों पर भी लगा विराम
खरमास  शुरू हो चुका है मलमास, एक महीने तक नहीं बजेंगी शहनाई, मांगलिक कार्यों पर भी लगा विराम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में खरमास या मलमास का काफी महत्व है। इस काल में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जाने की मना ही होती है। इस बार 16 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करन के साथ ही खरमास का महीना शुरू हो गया है। खरमास का समापन 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन सूर्य के मकर राशि में संचरण के साथ ही होगा। 

हिन्दू पंचांग के अनुसार, एक वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं। इनमें से सूर्य जब धनु और मीन में प्रवेश करताहै तो इसे धनु संक्रांति और मीन संक्रांति कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, सूर्य जब धनु व मीन राशि में रहते हैं, तो इस अवधि को मलमास या खरमास कहा जाता है।

खरमास
पंचांग के अनुसार सूर्य प्रत्येक राशि में पूरे एक माह के लिए रहता है, जिसके अनुसार पूरे वर्ष भर में 12 महीनों में 12 राशियों में प्रवेश करता है। सूर्य का यह भ्रमण पूरे वर्ष चलता रहता है। इसी कारण वर्षभर में शुभ और अशुभ मुहूर्त परिवर्तित होते रहते हैं। 12 राशियों में भ्रमण करते हुए जब सूर्य गुरु यानी बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करता है, तो खरमास प्रारंभ हो जाता है 

क्या-क्या है वर्जित
हिंदू शास्त्रों के अनुसार मलमास या खरमास में सभी तरह के शुभ कार्य जैसे शादी, सगाई, गृह प्रवेश, नए गृह का निर्माण आदि वर्जित होते हैं। इस दौरान सूर्य गुरु की राशियों में रहता है, जिसके कारण गुरु का प्रभाव कम हो जाता है। जबकि शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत आवश्यक होता है। गुरु जीवन के वैवाहिक सुख और संतान देने वाला होता है।

 

Created On :   17 Dec 2022 4:44 AM GMT

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