Pradosh vrat 2025: मंगल दोष से छुटकारा पाने के लिए करें भौम प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

मंगल दोष से छुटकारा पाने के लिए करें भौम प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  • इस बार त्रयोदशी 08 जुलाई 2025 मंगलवार को है
  • भौम प्रदोष में हनुमान जी की पूजा भी की जाती है
  • मुहूर्त रात 07 बजकर 23 से 09 बजकर 24 तक है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में सालभर कई सारे व्रत आते हैं और हर एक की मान्यता और महत्व अलग है। इनमें से एक है प्रदोष व्रत जो कि दिन के अनुरूप भिन्न नामों से जाना जाता है। यह व्रत हर महीने में दो बार आता है और कृष्ण व शुक्ल दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। फिलहाल, आषाढ़ मास चल रहा है और इस महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 08 जुलाई 2025 मंगलवार को है। ऐसे में इसे मंगल प्रदोष (Mangal Pradosh) या भौम प्रदोष (Bhaum Pradosh) कहा जाता है।

मंगलवार के दिन आने वाले प्रदोष व्रत में हनुमान जी की पूजा का भी महत्व माना गया है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, हनुमान जी को भगवान शिव का ही रुद्रावतार कहा जाता है। ऐसे में भौम प्रदोष पर हुनमान जी की पूजा करने पर कुंडली में मंगल दोष से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि...

कब है भौम प्रदोष व्रत

त्रयोदशी तिथि आरंभ: 07 जुलाई 2025, सोमवार की रात 11 बजकर 10 मिनट से

त्रयोदशी तिथि समापन: 08 जुलाई 2025, मंगलवार की दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक

पूजा मुहूर्त: 08 जुलाई 2025, मंगलवार की रात 07 बजकर 23 से रात 09 बजकर 24 तक

पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्य क्रम से निवृत हो स्नान कर शिव जी का पूजन करें। घर के मंदिर या शिवालय में जाकर भगवान शंकर के सामने व्रत का संकल्प लें। पूरे दिन मन ही मन “ॐ नम: शिवाय ” का जप करें और पूरे दिन निराहार रहें। त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त से तीन घड़ी पूर्व, शिव जी का पूजन की जाती है।

शाम के समय फिर से स्नान कर स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल अथवा पूजा गृह को शुद्ध कर लें। यदि व्रती चाहे तो शिव मंदिर में भी जा कर पूजा कर सकते हैं। पांच रंगों से रंगोली बनाकर मंडप तैयार करें। पूजन की सभी सामग्री एकत्रित कर लें। कलश अथवा लोटे में शुद्ध जल भर लें। कुश के आसन पर बैठ कर शिव जी की पूजा विधि-विधान से करें। “ऊँ नम: शिवाय ” कहते हुए शिव जी को जल अर्पित करें।

हनुमान जी की आराधना करें

भौम प्रदोष की शाम को हनुमान जी के मंदिर जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं और 11 बार संकटमोचन हनुमाष्टक पाठ करें कुंडली में मंगल दोष का निवारण करने हनुमान जी को हलवा पूरी का भोग लगाएं। इसके बाद इसे गरीबों व जरूरतमंदों को बांटें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   7 July 2025 6:24 PM IST

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