Vaishakh Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या पर स्नान-दान का है विशेष महत्व, जानिए पूजा विधि

- इस दिन पितरों की पूजा की जाती है
- इससे पितृ दोष से छुटकारा मिलता है
- 27 अप्रैल रविवार को है अमावस्या
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का खासा महत्व बताया गया है। वहीं वैशाख मास को माधव मास भी कहा जाता है और इसी महीने में अमावस्या (Vaishakh Amavasya) 27 अप्रैल 2025, रविवार को है। धर्म-कर्म, स्नान-दान, तर्पण आदि के लिए इस दिन को बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पितरों की पूजा करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है।
ऐसा कहा जाता है कि, इस दिन पवित्र नदी में सूर्योदय से पहले स्नान करने और सूर्य को अर्घ्य देने से अनजाने में किए गए पाप कर्म खत्म होते हैं। इस दिन दान करने से पितर भी खुश होते हैं और ग्रह दोष दूर होता है। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है आर कार्यों सफलता की संभावना बनती है। आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या की तिथि और पूजा विधि के बारे में...
वैशाख अमावस्या तिथि कब से कब तक
अमावस्या तिथि आरंभ: 27 अप्रैल 2025, रविवार की सुबह 4 बजकर 49 मिनट पर
अमावस्या तिथि समापन: 28 अप्रैल 2025, सोमवार की देर रात 1 बजे
वैशाख अमावस्या पूजा विधि
- इस दिन गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
- यदि नदी नहीं जा सकते तो घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर हर हरे गंगे मंत्र का उच्चारण करते हुए स्नान करें।
- स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करें।
- इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करना चाहिए।
- श्री हरि को पीला चंदन और पीले पुष्प प्रभु को अर्पित करना चाहिए।
- घर में घी का दीपक जलाने के साथ ही श्री विष्णु चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- भगवान को पकवान के साथ तुलसी दल का भोग लगाएं
- पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें।
- अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी अवश्य देनी चाहिए।
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Created On :   25 April 2025 6:33 PM IST