तथ्यों को जांचे, परखें फिर छापें - कुलपति प्रो. केजी सुरेश

Check the facts, test then print - Vice Chancellor Prof. KG Suresh
तथ्यों को जांचे, परखें फिर छापें - कुलपति प्रो. केजी सुरेश
स्वास्थ्य संसद 2023 तथ्यों को जांचे, परखें फिर छापें - कुलपति प्रो. केजी सुरेश

डिजिटल डेस्क, भोपाल । स्वास्थ्य पत्रकारिता में खबरों को जनता के बीच पहुंचाने  से पूर्व पहले जांचना चाहिए, परखना चाहिए फिर छापना चाहिए । यह कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश का। स्वास्थ्य संसद 2023 अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य और मीडिया की भूमिका विषय पर दूसरे दिन वे अपने विचार व्यक्त कर रहे थे । प्रो. सुरेश ने कोरोना में विश्वविद्यालय की एनएसएस टीम द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों के साथ ही डब्ल्यूएचओ एवं विभिन्न उदाहरणों के जरिए स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों को रखा । द्वितीय दिवस के कार्यक्रम की रुपरेखा स्वस्थ भारत न्यास के अध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह द्वारा रखी गई।

हेल्थ और मेडिकल दोनों अलग-अलग विषय - डॉ अशोक कुमार वार्ष्णेय

आयोग्य भारती के राष्ट्रीय सचिव डॉ अशोक कुमार वार्ष्णेय ने कहा कि हेल्थ और मेडिकल दोनों अलग-अलग विषय है लेकिन लोग एक ही समझते हैं। उन्होंने कहा चिकित्सा रोगी के लिए है। डॉ अशोक ने वेलनेस एवं हैप्पीनेस की बात की।

2050 तक एजुकेशन सिस्टम में बहुत होगा बदलाव - डॉ हितेश जानी

गुजरात से इस कार्यक्रम में विशेष रुप से आए आयुर्वेदाचार्य डॉ. हितेश जानी ने लाइफ स्टाइल को लेकर बहुत ही महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए । उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य ऐसा विषय है कि आने वाले 2050 तक एजुकेशन सिस्टम में बहुत बदलाव होगा । भारत के सदियों से अमृतकाल में रहे होने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में पारम्परिक तरीके और अन्य माध्यमों से लोगों ने अपना ईलाज किया ।

अस्सी प्रतिशत टेस्ट एवं आपरेशन अनावश्यक - अनुज अग्रवाल

डालॉग इंडिया के संपादक अनुज अग्रवाल ने कहा कि अस्सी प्रतिशत टेस्ट एवं आपरेशन अनावश्यक होते हैं, क्योंकि लोग जागरुक ही नहीं है । उन्होंने कहा कि मैदानी चीजों को समझना होगा और सिस्टम को ठीक करना होगा। श्री अनुज ने युवा पत्रकारों से इस विषय में लेखन करने को कहा । श्री अग्रवाल ने कहा कि पारंपरिक नौकरी के पीछे मत भागिए बल्कि यदि आप अच्छा लिखते हैं तो अपना यूट्यूब चैनल बनाकर भी अच्छा कमा सकते हैं ।

स्वास्थ्य सबका विषय है - सुश्री आयुषी केतकर

सुश्री आयुषी केतकर ने कहा कि स्वास्थ्य केवल किसी व्यक्ति विशेष का विषय नहीं है बल्कि सभी का है । कोरोना एवं कैंसर की जंग जीतकर पूरी ऊर्जा के साथ अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के जरिए अपनी बात को बखूबी रखा ।

स्वास्थ्य पत्रकारिता गंभीर विषय - सुधीर दीक्षित

वरिष्ठ पत्रकार सुधीर दीक्षित ने कहा कि पत्रकार बनने के लिए जिज्ञासु होना सबसे पहली शर्त है। उन्होंने स्वास्थ्य पत्रकारिता गंभीर होकर करने की बात कही। श्री दीक्षित ने कहा कि यह विषय आमजन से सीधा जुड़ा हुआ है इसलिए इस विषय पर विशेषज्ञों से बात करके ही लिखना चाहिए । मेवाड़ विश्वविद्यालय से आए डॉ शशांक द्विवेदी ने कहा कि इस देश को आगे बढ़ाने के लिए सस्ती शिक्षा और सस्ते स्वास्थ्य की जरूरत है।  कुंदन सिंह ने कहा प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना के बारे में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकिन को लेकर भी अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। डॉ अलका सिंह ने मानसिक स्वास्थ्य पर कहा कि डिप्रेशन के फेज को समझना बहुत ही जरूरी है। सुरेंद्र सिंह ने कहा कि आध्यात्मिक होकर किस तरह से मानसिक रोग से लड़ा जा सकता है। ।कार्यक्रम में सभापति कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने एवं उप सभापति पूर्व डीजीपी एस के राउत विशेष रूप से उपस्थित रहे । शाम को कला एवं साहित्य में स्वास्थ्य चेतना पैनल डिस्कशन हुआ। जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मलय जैन, लेखिका कांता राय, व्यंग्यकार, विजी श्रीवास्तव, विवेक रंजन श्रीवास्तव, डॉ अबरार मुल्तानी, मॉडरेटर डॉ अलका अग्रवाल ने लिया। इसके पश्चात् कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें सभी कवियों ने अपनी शानदार रचनाओं से सबको मंत्र मुग्धकर दिया।

Created On :   30 April 2023 3:39 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story