कर्नाटक सरकार हटाएगी स्कूली किताबों से विवादास्पद धार्मिक पाठ, उच्च स्तरीय समिति का करेगी गठन

Karnataka government to remove controversial religious texts from school books
कर्नाटक सरकार हटाएगी स्कूली किताबों से विवादास्पद धार्मिक पाठ, उच्च स्तरीय समिति का करेगी गठन
कक्षा 1 से 10 तक कर्नाटक सरकार हटाएगी स्कूली किताबों से विवादास्पद धार्मिक पाठ, उच्च स्तरीय समिति का करेगी गठन
हाईलाइट
  • कर्नाटक सरकार स्कूली किताबों से विवादास्पद धार्मिक पाठों को हटाएगी

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार कक्षा 1 से 10 तक धर्म से संबंधित पाठ्यपुस्तकों से विवादास्पद पाठों को हटाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाने के लिए तैयार है। सूत्रों ने कहा कि सरकार कक्षा 1 से 10 तक की पाठ्यपुस्तकों में ऐसे सभी विवादास्पद मुद्दों पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करेगी।

छठी कक्षा के छात्रों के लिए निर्धारित सामाजिक विज्ञान विषय भाग 1 में विवादास्पद पाठ के लिए आपत्तियां आने पर समिति का गठन किया जा रहा है। विवादास्पद सामग्री नए धर्मों, विशेष रूप से बौद्ध धर्म और जैन धर्म के जन्म के बारे में बात करती है। पाठ कहता है, वैदिक काल (1500 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व) के दौरान, होम और हवन (देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पवित्र अग्नि में कीमती खाद्य पदार्थों को चढ़ाने की परंपरा) जैसे अनुष्ठान, जिसमें बड़ी मात्रा में खाद्यान्न, दूध , घी के कारण भोजन की कमी हो गई थी, इसके अलावा पाठ में जानवरों के बलिदान के अनुष्ठानों पर भी चर्चा की गई।

साथ ही आगे कहा कि यह माना जाता था कि इस तरह के अनुष्ठान केवल समाधान खोजने के लिए होते हैं। इसमें उल्लेख किया गया है कि आम लोग मंत्रों को संस्कृत में नहीं समझ सकते थे, इसलिए बौद्ध और जैन धर्म ने सरल तरीके सिखाए जिससे उनका विकास हुआ। कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास बोर्ड ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा से फरवरी में सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों के एक अध्याय के कुछ हिस्सों पर आपत्ति जताई थी। येदियुरप्पा सरकार ने 17 फरवरी को एक सकरुलर जारी कर निर्देश दिया था कि अध्याय को न तो पढ़ाया जाना चाहिए और न ही मूल्यांकन के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

सरकार के सूत्रों ने कहा, इस विवादास्पद अध्याय को अगले शैक्षणिक वर्ष से हटाने का निर्णय पहले ही हो चुका है। सूत्रों ने कहा कि कन्नड़ विकास प्राधिकरण के सदस्य रोहित चक्रतीर्थ की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया है। सरकार जल्द ही एक समिति के गठन की घोषणा करेगी। शीर्षक के तहत पहले दो पैराग्राफ में दी गई सामग्री और पृष्ठ संख्या 83 की छह शुरूआती पंक्तियों पर भी चर्चा की जाएगी। सूत्र बताते हैं कि वैदिक धर्म की कमियों का दावा करने वाले नए धर्मों के उद्भव का मार्ग प्रशस्त करने वाली सामग्री को शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से हटा दिया जाएगा।

समिति कक्षा 1 से 10 तक सामाजिक विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान और भाषा की पाठ्यपुस्तकों में धर्म से संबंधित विवादास्पद मुद्दों पर भी विचार करेगी। सरकार पहले ही लोक शिक्षण विभाग को निर्देश दे चुकी है कि वह किसी भी धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री का पता लगाने के लिए कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों के लिए निर्धारित पाठ के रूप में विशेषज्ञों और शिक्षाविदों की एक समिति गठित करे। सरकार ने यह भी कहा है कि एक उच्च स्तरीय समिति लोक शिक्षण विभाग की रिपोर्ट पर आगे विचार करेगी। सूत्रों ने बताया कि सरकार जल्द ही समिति की घोषणा कर सकती है।

(आईएएनएस)

Created On :   10 Sep 2021 7:01 AM GMT

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