"अन्नामलाई विश्वविद्यालय" में नहीं शुरु होगा "लॉ कोर्स", मद्रास हाईकोर्ट ने दिया आदेश
- मद्रास हाईकोर्ट ने अन्नामलाई विश्वविद्यालय को लॉ कोर्स शुरू करने से रोका
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में अन्नामलाई विश्वविद्यालय को बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित मानकों का पालन किए बिना स्नातक के लिए लॉ के कोर्स में छात्रों को एडमिशन देने से रोक दिया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की मद्रास उच्च न्यायालय की पहली पीठ ने बुधवार को बी. रामकुमार आदित्यन की एक याचिका के खिलाफ आदेश पारित किया।
कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया कि किसी भी नए छात्र को लॉ के कोर्स में एडमिशन नहीं दिया जाएगा और जो पहले से ही भर्ती हैं उन्हें दूसरे कोर्स में एडमिशन के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता, रामकुमार आदित्यन ने तर्क दिया था कि विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बैचलर ऑफ लॉ और मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री के साथ-साथ डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा करवा रहा था। याचिकाकर्ता ने प्रार्थना की कि इन पाठ्यक्रमों को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से मंजूरी और मान्यता के बिना संचालित नहीं किया जा सकता है।
अन्नामलाई विश्वविद्यालय ने अपनी जवाबी याचिका में कहा कि कानून के पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन आमंत्रित करने वाली उसकी अधिसूचना में साफ कहा गया है कि लॉ में डिग्री और डिप्लोमा प्राप्त करने वाले अदालत में अभ्यास करने के हकदार नहीं हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विश्वविद्यालय को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से मान्यता के बिना कोई भी पाठ्यक्रम संचालित नहीं करने का निर्देश दिया है।
(IANS)
Created On :   19 Aug 2021 3:30 PM IST