नालंदा विश्वविद्यालय ने पहाडों के संरक्षण के लिए बढ़ाए कदम, शोधार्थी कर रहे अध्ययन

Nalanda University has taken steps to protect the hills, researchers are studying
नालंदा विश्वविद्यालय ने पहाडों के संरक्षण के लिए बढ़ाए कदम, शोधार्थी कर रहे अध्ययन
बिहार नालंदा विश्वविद्यालय ने पहाडों के संरक्षण के लिए बढ़ाए कदम, शोधार्थी कर रहे अध्ययन
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  • बिहार: नालंदा विश्वविद्यालय ने पहाडों के संरक्षण के लिए बढ़ाए कदम
  • शोधार्थी कर रहे अध्ययन

डिजिटल डेस्क, पटना। पहाडों के संरक्षण के लिए अब बिहार के राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय ने पहल प्रारंभ की है। इस अभियान के तहत विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ राजगीर की पहाड़ियों पर पहुंच कर उसके संरक्षण से जुड़े तमाम पहलुओं का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.सुनैना सिंह का कहना है कि देश के पर्वतीय इलाकों से आए दिन भूस्खलन जैसी खबरें आती रहती हैं। इन घटनाओं के कारण बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान होता है। इसके साथ ही पहाड़ों के पर्यावरण को भी वन आवरण की क्षति और मिट्टी का कटाव जैसे काफी नुकसान होते हैं । ऐसी ही समस्याओं के समाधान को ढूंढ़ने के लिए इस अभियान की शुरूआत की गई है।

इस अभियान के लिए नालंदा विश्वविद्यालय के पर्यावरण विशेषज्ञों, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और अंतर्विभागीय शोधार्थियों की एक 40 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। इसमें ऑस्ट्रिया, घाना, भूटान, वियतनाम, इंडोनेशिया, मैक्सिको के शोधकर्ता भी शामिल है। इस टीम की अगुवाई स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायरमेंट स्टडीज के डीन कर रहे हैं ।

इस टीम ने अभियान के प्रथम चरण के तहत राजगीर के वैभारगिरी पहाड़ पर पहुंच कर पहाड़ से संबंधित पर्यावरण और सांस्कृतिक पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया और अब उसके संरक्षण के उपायों पर विचार-विमर्श और उसका विश्लेषण किया जा रहा है। इस अभियान के दौरान, यह पाया गया कि अनियंत्रित पर्यटन ने पहाड़ी क्षेत्रों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।

स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज और स्कूल ऑफ हिस्टॉरिकल स्टडीज के शोध छात्रों की माने तो स्थानीय लोगों को संरक्षण से जुड़े सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं से अवगत कराकर उन्हे जागरुक किया जा सकता है। उन्होने दावा किया कि जागरुक होने के बाद ये स्थानीय समुदाय के लोग पर्यटन संबंधी गतिविधियों के साथ-साथ अपनी विरासत के संरक्षण के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

(आईएएनएस)

Created On :   8 Sep 2021 8:00 AM GMT

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