Heer Express: 12 सितंबर को सिनेमाघरों में हीर एक्सप्रेस की ताबड़तोड़ एंट्री, इन कलाकरों ने मचाई धूम

12 सितंबर को सिनेमाघरों में हीर एक्सप्रेस की ताबड़तोड़ एंट्री, इन कलाकरों ने मचाई धूम
  • सिनेमाघरों में हुई हीर एक्सप्रेस की शानदार एंट्री
  • फैंस को आई पसंद
  • इन कलाकारों ने जमकर मचाई धूम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हीर (21), जीवन से भरपूर एक युवा लड़की, कभी हार न मानने वाली एक मेहनती, उसका मानना ​​है कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो वह नहीं कर सकती और उसने बार-बार साबित किया है कि वह चीजों को आसानी से नियंत्रित करती है, चाहे वह उसके चाचा बेरी (52) का स्टड फार्म हो या जेसी (50) का गैराज हो या फिर उसका अपना फूड आउटलेट "प्रीतो दा ढाबा" हो।

ओलिविया (48) एक ब्रिटिश महिला, हीर और उसकी पाक कला से मंत्रमुग्ध है। वह चाहती है कि हीर लंदन आकर उस भारतीय रेस्टोरेंट की जिम्मेदारी संभाले, जिसका वह और उसके भारतीय मूल के पति श्री टी.जे. (50) मिलकर संचालन करते हैं। पहले तो हीर मना कर देती है, लेकिन बाद में जब ओलिविया प्रस्ताव देती है कि हीर लंदन में उनके रेस्टोरेंट का नाम "प्रीतो दा ढाबा" रख सकती है, तो वह मान जाती है। प्रीत, हीर की माँ का नाम होने के कारण ही उसके सहमत होने के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन है।

टी.जे. और ओलिविया के दो बच्चे हैं, साशा (24) और मिक्की (21)। ये सभी भारतीय संस्कृति और मान्यताओं से कोसों दूर हैं और अपने साथियों के प्रभाव में हैं। टी.जे. काश अपने बच्चों की मदद से उनके व्यवसाय में मदद कर पाते क्योंकि इस समय उन्हें उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी क्योंकि वह खुद इलाज करा रहे थे और अपने किसी भी व्यवसाय पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे, चाहे वह उनका कॉर्पोरेट ऑफ़िस हो, पेट्रोल पंप हो या इंडियन स्पाइस रेस्टोरेंट, लेकिन उनके बच्चों में से किसी की भी इन मामलों में जरा भी दिलचस्पी नहीं थी, जिसकी वजह से टी.जे. भारी घाटे में है।

जैसे हीर लंदन पहुंचती है, संयोग से उसकी पहली मुलाकात एक पार्किंग में रॉनी (21) नाम के एक भारतीय कैब ड्राइवर से होती है। उसी पल से, हीर को एक विदेशी धरती पर एक दोस्त मिल जाता है। आखिरकार, रॉनी उस पर मोहित हो जाता है, और उनकी प्रेम कहानी शुरू होती है।

टी.जे. के लिए, हीर उसकी जिंदगी में ताजी हवा का झोंका थी। वह उसे देखकर खुश था - लेकिन उसे एक सरप्राइज... या यूं कहें कि एक झटका मिलने वाला था। जैसे ही हीर को ग्राहकों की घटती संख्या के बारे में पता चला—प्रतिदिन 200 ग्राहकों से घटकर सिर्फ 15-20 ग्राहक—उसने खुद से एक वादा किया: "जब तक हम प्रतिदिन 200 ग्राहकों तक वापस नहीं पहुंच जाते, मैं प्रीतो ढाबा का बोर्ड नहीं लगाना चाहती।" उसके पास ऐसा करने के लिए सिर्र्फफ एक महीना है, वरना बैंक को रेस्टोरेंट को गिरवी रखकर बंद करना पड़ेगा। हीर चुनौती स्वीकार करती है—पूरी गति से आगे, जैसा कि सिर्फ हीर एक्सप्रेस ही कर सकती है।

हीर टी.जे. को समझाने में भी अहम भूमिका निभाती है, जिसने शुरुआत में साशा की कैविन (25) से शादी का विरोध किया था, जो एक स्ट्रीट ड्रमर है और संगीत से अपनी आजीविका चलाता है, लेकिन साशा से बेहद प्यार करता है। हीर तब परेशान होती है जब वह मिक्की को अपने माता-पिता के साथ बुरा व्यवहार करते हुए देखती है। संयोग से, रॉनी की मदद से, वह मिक्की को ड्रग माफियाओं के चंगुल से बचा लेती है—लेकिन ऐसा करते हुए, वह खुद मुसीबत में पड़ जाती है।

आखिरी उपाय के रूप में, टी.जे. हीर को ज़िम्मेदारी सौंप देती है, इस उम्मीद में कि वह सब कुछ ठीक कर देगी। हीर एक वादा करती है, लेकिन इससे मिक्की के मन में ईर्ष्या की भावना पैदा होती है और वह उसके खिलाफ हो जाता है। समय उसके हाथ से निकलता जा रहा है। आगे और भी कई आश्चर्यों के साथ, यह हरक्यूलिस के लिए एक चुनौती बनता जा रहा है, लेकिन वह अपना वादा कैसे निभा पाएगी, यही कहानी का सार है।

टाइटल- हीर एक्सप्रेस

रिलीज डेट- 12 सितंबर 2025

निर्देशक- उमेश शुक्ला

मुख्य कलाकार- दिविता जुनेजा, प्रीत कमानी, गुलशन ग्रोवर, आशुतोष राणा, संजय मिश्रा और मेघना मलिक

निर्माता- उमेश शुक्ला, आशीष वाघ, मोहित छाबड़ा और संजय ग्रोवर

प्रोडक्शन हाउस- ए मेरी गो राउंड स्टूडियो प्रोडक्शंस

शैली- फैमिली ड्रामा

भाषाएं और प्रारूप- हिंदी, 2D

रन टाइम- 142 मिनट

यह भी पढ़े -'मंकी इन ए केज' फिल्म को नजरअंदाज करना मुश्किल सबा आजाद

Created On :   13 Sept 2025 5:20 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story