क्या कश्मीर में पंडित ने किया मुस्लिम कसाईयों का विरोध? जानिए वायरल वीडियो का सच

Fake News: Did Pandit oppose Muslim butchers in Kashmir? Know truth of viral video
क्या कश्मीर में पंडित ने किया मुस्लिम कसाईयों का विरोध? जानिए वायरल वीडियो का सच
फेक न्यूज क्या कश्मीर में पंडित ने किया मुस्लिम कसाईयों का विरोध? जानिए वायरल वीडियो का सच

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक मुद्दे बहुत जल्दी वायरल होते हैं। बिना सच्चाई जाने लोग अपने-अपने धर्म पक्ष से जुड़े पोस्ट शेयर करते हैं। सोशल मीडिया पर अपने घर के पास गायों को नहीं काटने का अनुरोध करते हुए एक व्यक्ति का वीडियो काफी वायरल हो रहा है। उस वीडियो में एक व्यक्ति यह कहते नजर आ रहा है कि- मैं देखता हूं यहां बीस बाईस गाय आप कैसे काटते हो? मैं आपको ऐसा नहीं करने दूंगा। 

व्यक्ति कहता है, मैं भी देखता हूं कि इस बार आप ऐसा कैसे करते हैं? आपको क्या यह कसाईखाना लगता है? बताईए क्या आपके पास लाइसेंस है? मुझे इससे गंध आती है। ” इस व्यक्ति के वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि कश्मीर में एक कश्मीरी पंडित मुस्लिम कसाईयों का विरोध कर रहा था। 

जोधपुर के इस वीडियो को दिया जा रहा है सांप्रदायिक रंग, जानें घटना का पूरा सच

फ़ेसबुक पेज ‘RSS फ़ैन क्लब ‘द्वारा 15 सितंबर को इस वीडियो के शेयर करने के बाद 24 घंटे के भीतर ही इसे 30 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा। इस पोस्ट के मुताबिक ये आर्टिकल 370 और 35 (A) हटाने का प्रभाव है। ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने लिखा है कि सभी हिंदुओं को वीडियो रिकॉर्ड करने वाले आदमी की तरह होना चाहिए। 

इन लोगों के मुताबिक वीडियो रिकार्ड करने वाला शख़्स एक कश्मीरी पंडित हैं जो मुस्लिम कसाईयों का विरोध कर रहा है। लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की तारिफ करते हुए इस वीडियो को बढ़ चढ़ के शेयर किया।

क्या है सच्चाई ?
रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला की मामला तो कुछ और ही हैं। अगस्त 2021 में जम्मू के वकील अंकुर शर्मा ने वायरल वीडियो के साथ अन्य वीडियो भी पोस्ट किए थे। उसमे उन्होंने लिखा था कि इस साल ईद के आस-पास एक मुस्लिम व्यक्ति ने वीडियो रिकॉर्ड किया था। उनके दूसरे वीडियो में बिल्डिंग के सामने गायों को देखी जा सकती है जिनके आस-पास घास बिखरी हुई है। उस बिल्डिंग पर एक हरे रंग का बोर्ड  है जिस पर उर्दू में ‘मरकज़ी दार अल उलूम दाउद’ लिखा है जिसका मतलब ‘इस्लामी मदरसा संस्थान’ है। वीडियो के अंत में 2 मिनट 11 सेकेंड पर रिकार्ड करने वाले व्यक्ति का चहरा देखा जा सकता है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह थामने वाले हैं बीजेपी का दामन! जानिए क्या है वायरल तस्वीर की सच्चाई

कश्मीर के एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम आरिफ़ जान है जो गांदरबल का निवासी है। आरिफ़ जान ने बताया कि वह  एक मुस्लिम  है। यह वीडियो उन्होंने ही रीकार्ड किया था। यह घटना बकरीद के आस-पास हुई। उन्होंने बताया कि उनके घर के बगल में एक दार-अल-उलूम है। दोनों प्रॉपर्टी के बीच एक ही दीवार है। महामारी की वजह से ये बंद है। दो साल पहले लोग वहां बलि देते थे। मैंने उस वक्त उन लोगों से साफ़-सफ़ाई के कारण बचे हुए मलबे और खून की वजह से दोबारा वहां बलि नहीं देने की रिक्वेस्ट की थी। लेकिन फिर भी इस बकरीद के दौरान ऐसा किया जा रहा था तब मैंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज़ उठाने का फैसला किया। 

Created On :   25 Sep 2021 12:46 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story