हैकिंग का खतरा, इस कंपनी के फोन पर नहीं करता असर

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
हैकिंग का खतरा, इस कंपनी के फोन पर नहीं करता असर

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली. यूं तो एंड्रायड फोन्स पर अक्सर वायरस का खतरा बना रहता है। लेकिन अब जो खबर आ रही है, वो एंड्रायड यूजर्स के लिए अच्छी नहीं है। दरअसल, पिछले साल 'कॉपीकैट' मालवेयर 14 मिलियन (1.4 करोड़)  से ज्यादा एंड्रायड डिवाइस को निशाना बना चुका है। जिनमें से 80 लाख से जायादा डिवाइस पर हैकर्स ने फर्जी ऐड के जरिए 1.5 लाख डॉलर्स की कमाई की है।

इजरायल की आईटी कंपनी ने किया खुलासा
कॉपीकैट मालवेयर से जुड़े डाटा का खुलासा इजरायल की आईटी कंपनी 'चेकपाइंट' ने किया है। कंपनी ने अपने ब्लॉग में इस बारे में खुलासा करते हुए बताया कि इस मालवेअर ने खासतौर पर साउथईस्ट एशिया के यूजर्स को प्रभावित किया है, इनमें 2,80,000 ऐंड्रॉयड यूजर्स हैं। चेकपॉइंट के मुताबिक, कॉपीकैट से प्रभावित हुईं डिवाइसेज आज भी इसकी चपेट में आ सकती हैं। ऐड फ्रॉड करने के लिए कॉपीकैट आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करता है।
 
कैसे करता है अटैक
रिसर्चर्स ने बताया कि कॉपीकैट पहले यूजर की डिवाइस पर अपनी जड़ें जमा लेता है, फिर यह अटैकर्स के हाथ में डिवाइस का फुल कंट्रोल दे देता है और यूजर चाहते हुए भी अपनी डिवाइस बचा नहीं पाता है। आपको बता दें कि अप्रैल व मई 2016 के बीच कॉपीकैट कैंपेन को खूब बल मिला था।
 
चीनी कंपनी के फोन पर नहीं करता असर
 
चेकपाइंट के मुताबिक, अभी तक इस बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि इसके पीछे किसके हाथ है। लेकिन यह वायरस चीनी कंपनी के फोन पर अटैक नहीं करता, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है, कि इसको चीनी मालवेयर डेवलेपर ने डेवलप किया है। इसके अलावा कॉपीकैट मालवेयर के चीन की ऐड नेटवर्क कंपनी मोबीसमर से रिलेशन होने की भी बात पता चली है। हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि ये वायरस गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से फैला है। 

Created On :   9 July 2017 11:04 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story