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यहां क्लिक कर जानें क्या है वायरलेस चार्जिंग, कैसे यह करती है काम?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वायरलेस चार्जिंग, ऐसी कोई नई या यूनीक तकनीक नहीं है जिसे हम पहली दफा ही देख रहे हों। पैनासोनिक के इलेक्ट्रिक रेजर ने इसे बहुत समय से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा और भी बहुत से डिवाइसेस में इसे काफी समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है। हालांकि इसके बहुत स्थानों पर इस्तेमाल होने के बाद अगर इसे किसी स्मार्टफोन में शामिल किया जा रहा है तो यह अपने आप ने एक नई तरह ही खोज ही कही जायेगी, क्योंकि आजकल के दौर में स्मार्टफोन किसी भी व्यक्ति के लिए एक सबसे जरुरी वस्तु बन गया है। हालांकि वायरलेस चार्जिंग को लेकर सभी के मन में कई बड़े सवाल होते हैं कि आखिर इसे कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है और यह क्या है, एक सबसे बड़ा सवाल है। यह सवाल महज मेरे मन में ही नहीं है बल्कि हम सब के मन में जब से हमने सुना कि इसे स्मार्टफोन्स में भी इस्तेमाल किया जा रहा है, सभी के मन में है। इसके अलावा एक सवाल और है कि आखिर आपको क्यों अपने अगले स्मार्टफोन में यह तकनीक चाहिए। तो आइये इन सभी सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं।
क्या है वायरलेस चार्जिंग?
यहां सबसे पहला सवाल जो आता है वह यह है कि आखिर वायरलेस चार्जिंग है क्या? उसके बाद बाकी सभी सवाल आते हैं। तो आपको बता दें कि वायरलेस चार्जिंग कोई जादू नहीं है इसके लिए आपको फिर भी वायर की जरूरत होगी है। हालांकि अंतर महज इतना होता है कि आपको इस वायर को डायरेक्ट अपने फोन से कनेक्ट करने की जरूरत नहीं होती है इसके अलावा आप इसे एक चार्जिंग बेस से कनेक्ट करते हैं। यह चार्जिंग बेस किसी भी साइज और शेप का हो सकता है। यह एक कार डैश की तरह होता है। जैसे ही आप अपने फोन को इस बेस पर सही जगह रखते हैं तो यह अपने आप ही काम करना शुरु कर देता है।
इसका सबसे बड़ा उदाहरण महज यही हो सकता है कि आप अपने डेस्क पर काम कर रहे हैं, और इसी डेस्क पर आपको एक बेस रखा मिल जाए, इसके अलावा आप इस समय अपने फोन पर ज्यादा कुछ कर भी न रहे हों तो आप अपने फोन को चार्ज कर सकते हैं। जब आपको अपने फोन को इस्तेमाल करना हो तो आपको किसी वायर को इससे अलग करने की जरूरत नहीं है बस आप इसे यहां इस बेस से उठाएं और काम करना शुरू कर दें। हालांकि वायरलेस चार्जिंग क्विक चार्ज की तरह तेज नहीं होती है। हालांकि इससे चार्जिंग करना बहुत ही सरल जरुर हो जाता है। और यहीं आपको इसके महत्त्व के बारे में पता चलता है।
वायरलेस चार्जिंग कैसे करती है काम?
वायरलेस चार्जिंग दो डिवाइसों के बीच कम पावर संकेतों को संचारित करने के लिए दो गुंजयमान आगमनात्मक युग्मक का उपयोग करती है। यह विशेष रूप से सामान्य वायर्ड कनेक्शन की तरह एक दूसरे को छूने के बिना बिजली संचारित करने के लिए डिजाइन की जाती है। बेस स्टेशन, जो अपनी बिजली की आपूर्ति के माध्यम से दीवार में प्लग किया गया है, में एक ट्रांसमीटर कॉइल है और आपके फोन में एक रिसीवर कॉइल है। इसके अलावा सिग्नल की तरंग तब नियंत्रित होती है और आवर्ती चार्जिंग शुरू होती है।
Created On :   12 Nov 2017 12:35 PM IST