कोरोना वायरस : डरें नहीं, लड़ें और जांच में सामने आई इन बातों पर करें गौर!

Corona Virus: Do not fear, fight and check these things revealed in the investigation!
कोरोना वायरस : डरें नहीं, लड़ें और जांच में सामने आई इन बातों पर करें गौर!
कोरोना वायरस : डरें नहीं, लड़ें और जांच में सामने आई इन बातों पर करें गौर!
हाईलाइट
  • कोरोना वायरस : डरें नहीं
  • लड़ें और जांच में सामने आई इन बातों पर करें गौर!

चीन से निकला कोरोना वायरस साउथ कोरिया और ईटली के रास्ते भारत में भी दस्तक दे चुका है। कहीं व्हट्सएप्प के माध्यम से उसका इलाज बताया जा रहा है तो कुछ लोग मास्क और हैंड सैनीटाइजर जमा करने में लग गए हैं। अब जब मैं ये लेख लिख रहा हूं तब तक देश में कुल 31 मामले सामने आ चुके हैं जिसमें से ताजा मामला है दिल्ली का, एक व्यक्ति जो हाल में थाईलैंड की यात्रा कर वापस लौटा था।

हमारे देश में भूकंप आने वाला है की आवाज सुन कर आधा प्रदेश घर के बाहर आ जाता है और गणेश जी दूध पी रहे हैं ये सुनकर पूरा देश दूध लेकर मंदिर पहुंच जाता है। ये घटनाएं इस बात की परिचायक हैं कि हम भारतीय एक दूसरे पर विश्वास कितना करते हैं। अब कोरोना वायरस पर जानकारी कितनी है ये तो नहीं पता, पर राय हर व्यक्ति के पास है जो सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत तेजी से फैल रही है। इस लेख का उद्देश्य है सभी भ्रांतियों को दूर कर आप सभी तक सही और तथ्यात्मक जानकारी पहुंचाना और जरूरी सावधानियों से आप सभी को अवगत कराना।

डब्यूएचओ की रिपोर्ट, हेल्थ एक्सपर्ट्स और ताजातरीन शोध के सभी बिंदुओं को एकत्रित कर देखें तो कुछ बातें सामने आई हैं जिससे कोरोना वायरस का चरित्र काफी हद तक समझ आता है।

1. 75-80 फीसदी मामले उन लोगों के हैं जो कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज के सीधे संपर्क में आए, यानी मरीज के मित्र और परिवार के लोग जो उनके आस पास रहे।

2. कोरोना वायरस के मरीजों में लक्षण की बात करें तो 88 फीसदी को बुखार, 68 फीसदी को खांसी और कफ, 38 फीसदी को थकान, 18 फीसदी को सांस लेने में तकलीफ, 14 फीसदी को शरीर और सिर में दर्द, 11 फीसदी को ठंडी लगना और 4 फीसदी को डायरिया होना प्रमुख है। गौर फरमाने वाली बात ये है कि रनिंग नोज यानी नाक बहना कोरोना वायरस के मरीजों में मिला ही नहीं। और फिलहाल भारत में नाक बहने वालों में कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा डर है।

3. मेनलैंड चाइना की बात करें तो कोरोना वायरस मरीजों में मृत्यु दर 2 फीसदी के लगभग है जो सार्स 10 फीसदी, स्वाइन फ्लू 4.5 फीसदी और इबोला 25 फीसदी से कहीं कम है। और कोरोना वायरस से पीड़ित होने के बाद ठीक होने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है।

4. 9 साल तक के बच्चों में 0 फीसदी मृत्यु दर, 10-39 वर्ष तक के लोगों में 0.2 फीसदी मृत्यु दर, 40-49 वर्ष तक के लोगों में 0.4 फीसदी, 50-59 वर्ष तक के लोगों में 1.3 फीसदी, 60-69 वर्ष तक के लोगों में 3.6 फीसदी, 60-69 वर्ष तक के लोगों में 3.6 फीसदी, 70-79 वर्ष तक के लोगों में 8 फीसदी, 80 से ज्यादा वर्ष के लोगों में 14.8 फीसदी, अगर आपने ये आंकड़ें समझे तो साफ है कि बढ़ती उम्र, कम होती इम्युनिटी और पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर ये वायरस ज्यादा असर करता है।

5. पिछले तमाम वायरसों से कमजोर होने के बावजूद कोरोना वायरस का डर जनता में सबसे ज्यादा है, जिसका कारण है सोशल मीडिया पेनीट्रेशन जो अब सस्ते डेटा और फोन्स के कारण ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंच चुका है। लगभग 2 बिलियन लोग व्हाट्सप्प पर हैं और 1.69 बिलियन लोग फेसबुक पर, और इन प्लेटफॉर्म्स पर कोरोना को लेकर तमाम अफवाहें, वीडियो और तस्वीरों के माध्यम से फैलाई जा रही हैं।

प्रमुख भ्रांतियां, अफवाहें और सावधानियां:

- मास्क पहन लेने से आप कोरोना वायरस से सुरक्षित हैं ये एक भ्रान्ति मात्र है, कोरोना वायरस हवा से कहीं ज्यादा सर्फेस पर पाया जाता है। इसलिए सार्वजनिक और भीड़ भाड़ वाली जगह को छूने से बचें, किसी बीमार व्यक्ति के सीधे संपर्क में न आएं और घर आकर सबसे पहले हाथ धुलें। गंदे हाथ को मुंह में डालना, आंखें मलना आदि ज्यादा खतरनाक है। इसलिए मास्क उनके लिए ज्यादा जरूरी है जिनमें लक्षण हैं, और मास्क भी विशेष तौर पर डिजाइन किए गए। मार्केट में उपलब्ध ज्यादातर मास्क इस मामले में बेअसर हैं।

-हैंड सैनिटाइजर ही हाथ साफ करने का विकल्प है, एक अफवाह ये भी है जिसके कारण लोग परेशान हैं। किसी भी सामान्य साबुन से अच्छी तरह हाथ धुलना ही पर्याप्त है। सैनिटाइजर जरूरी है ये सिर्फ भ्रांति है।

-शराब पीने से, गरम पानी पीने से, काली मिर्च और अदरक के सेवन से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है, ऐसी बातों पर तो लिखना भी उचित नहीं है

- भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, विशेषकर जब आपकी उम्र 60 या उससे ज्यादा है।

-बिना डॉक्टर की सलाह के एंटी-बायोटिक्स का सेवन न करें वो आपके खतरे को और बढ़ा सकता है।

-गर्मी में वायरस यूं तो कमजोर पड़ जाते हैं पर अभी तक इसका सीधा कनेक्शन सामने नहीं आया है, कोरोना वायरस भूमध्य रेखा के समीप देशों जैसे सिंगापुर में भी फैल रहा है, हां इसका प्रभाव कम तापमान वाले देशों में ज्यादा है। इसलिए ये कहना कि अप्रैल आते-आते आपको इसका असर कम होता दिखेगा पूरी तरह से गलत भी नहीं है।

क्या है आपका सामजिक कत्र्तव्य

- अगर आपको या आपके परिवार में से किसी को कोरोना वायरस के लक्षण हों तो एकांतवास चुनें और तत्काल स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क करें।

- अगर आप विदेश यात्रा से लौटे हैं और आपको ऐसी कोई शिकायत है तो डॉक्टर से लेकर एयरलाइन तक सभी को सम्पर्क करें और उन्हें सावधानी बरतने में मदद करें

-बिना किसी प्रमाणिकता के किसी भी तरह की जानकारी, वीडियो, फोटो आदि सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित ना करें।

-रुमाल हमेशा साथ रखें और छींकते या खासते व़क्त मुंह ढक लें

कोरोना वायरस हमारे देश में ना फैले इसकी जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं है। हमारे और आपकी छोटी छोटी सावधानियां इसे फैलने से रोक सकती हैं। अभी तक दुनिया भर से कोविड-19 के कुल 95270 मामले सामने आए हैं जिनमें से 3281 लोगों की मौत हो गई है। भारत में अब तक एक भी व्यक्ति की कोरोना वायरस के चलते मौत नहीं हुई है, हम आशा करते हैं कि आप सभी के सहयोग से स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार हैं।)

Created On :   6 March 2020 4:00 PM GMT

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