भारत में चमगादड़ों की 2 प्रजातियों में मिला कोरोनावायरस
नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। कोरोनावायरस इंसानों तक कैसे पहुंचा, इसका पता लगाने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने एक अध्ययन में कहा है कि भारतीय चमगादड़ों में रोगजनक कोरोनावायरस पाए जाने से उनमें नोवेल वायरस के लिए स्क्रीनिंग किए जाने की आवश्यकता रेखांकित होती है।
यह अध्ययन भारतीय चमगादड़ों में कोरोनावायरस परिसंचरण को समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक स्टडी के अनुसार, केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु के चमगादड़ों की एक प्रजाति में कोरोनावायरस की मौजूदगी पाई गई है।
हाल ही में यह बात सामने भी आई थी कि कोरोनावायरस महामारी, जो चीन के वुहान शहर से फैली थी, वह चमगादड़ों से ही उत्पन्न हुई है। आईसीएमआर के शोध में पहली बार इन चार राज्यों से दो अलग-अलग प्रजातियों के चमगादड़ों पटरेपस और रॉटेटस प्रजाति में एक अलग तरह का बैट कोरोनावायरस पाया गया है।
हालांकि इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित इस शोध में यह दावा भी किया गया है कि इस बात के कोई साक्ष्य मौजूद नहीं हैं कि चमगादड़ में पाया जाने वाला यह वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है।
प्रज्ञा डी. यादव द्वारा लिखित अध्ययन में कहा गया है कि इससे नोवेल वायरस का पता लगाने में भी मदद मिलेगी।
चार राज्यों के पटरेपस और रॉटेटस प्रजातियों के चमगादड़ पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि ये चमगादड़ उससे संबंधित नहीं हैं, जो कि कोविड-19 महामारी का कारण बना हुआ है।
इससे पहले पटरेपस चमगादड़ों की प्रजातियां पहले निपाह वायरस के लिए 2018 और 2019 में केरल में पॉजिटिव पाई जा चुकी हैं।
रिसर्च टीम की प्रमुख डॉ. प्रज्ञा यादव के मुताबिक, चमगादड़ की दो प्रजातियों के गले से और मल के नमूने लिए गए थे। इनकी पॉलीमिरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) जांच के बाद स्थिति सामने आई। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित शोध के मुताबिक, चमगादड़ कई तरह के वायरस का वाहक होता है। इनमें ऐसे कई वायरस पाए जाते हैं जो इंसानों के लिए खतरनाक हैं।
Created On :   15 April 2020 6:00 PM IST