कोविड-19 : अधिकतर महिलाएं, गरीब व मध्यम वर्ग संकट से उबरने में आशावादी

Kovid-19: Mostly women, poor and middle class optimistic in recovering from crisis
कोविड-19 : अधिकतर महिलाएं, गरीब व मध्यम वर्ग संकट से उबरने में आशावादी
कोविड-19 : अधिकतर महिलाएं, गरीब व मध्यम वर्ग संकट से उबरने में आशावादी

नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच अधिकतर भारतीय आशावादी बने हुए हैं। लगभग दो तिहाई भारतीयों का कहना है कि वे इस चुनौती का सामना करने में आशावादी हैं। यह बात आईएएनएस सी-वोटर कोविड ट्रैकर में सामने आई है।

सर्वेक्षण में सामने आया कि अधिकतर भारतीय कोरोना संकट के बीच आशावादी बने हुए हैं। सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया, आप भारत में कोरोनावायरस के बारे में क्या सोचते हैं और आपको क्या लगता है कि अगले महीने क्या होने की सबसे अधिक संभावना है?

इस पर 62.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा, हम सबसे खराब स्थिति से गुजर चुके हैं। अब चीजें सुधरने लगेंगी।

वहीं एक हफ्ते पहले इसी संबंध में पूछे गए सवाल पर 57.5 प्रतिशत लोगों ने यह बात स्वीकार की थी, जिसमें 4.8 प्रतिशत लोग और अधिक आशावादी बने दिखाई दिए हैं।

पिछले हफ्ते जहां इस मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी नहीं करने वाले कुल 18.3 प्रतिशत लोग थे, वहीं इस सप्ताह में महज 8.2 फीसदी ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस लिहाज से इस मामले में भी बड़ी गिरावट देखी गई है।

एक और दिलचस्प बात यह है कि सर्वे में पाया गया है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक आशावादी हैं। कुल 64 प्रतिशत महिलाएं कोरोना से पार पाने के मामले में काफी आशावादी दिखाई दीं, जबकि इस मामले में पुरुषों की संख्या 60.7 प्रतिशत रही। शुद्ध आशावाद दर हैं - 35.3 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 44 प्रतिशत महिलाएं समग्र रूप से आशावादी हैं।

कोरोनावायरस की इस असामान्य चुनौती का सामना करने में सबसे अधिक आशावादी वरिष्ठ आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिक देखने को मिले हैं। सर्वे में पता चला कि कुल 76.3 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिक कोरोना से पार पाने में सकारात्मक नजर आए और वह आशावादी होने के मामले में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि काफी आशावादी हैं और मानते हैं कि सबसे बुरा दौर खत्म हो गया है और संकट का यह समय गुजर भी जाएगा।

वहीं दूसरी ओर 45 वर्ष से अधिक आयु के मध्यम आयु वर्ग के लोग कम आशावादी लग रहे हैं। हालांकि सबसे कम शिक्षित वर्ग मौजूदा स्थिति के बारे में सबसे अधिक सकारात्मक हैं। उनमें से 76.3 प्रतिशत ने कहा कि वे आशावादी हैं। सर्वेक्षण के अनुसार वह मध्यम या उच्च शिक्षा वर्ग से भी कहीं अधिक आशावादी नजर आ रहे हैं।

वहीं मध्यम वर्ग आर्थिक स्थिति के संबंध में सबसे अधिक सकारात्मक लगता है। मध्य आय वर्ग के उत्तरदाताओं में से 65.4 प्रतिशत ने कहा कि वे उभरती स्थिति के बारे में बहुत आशावादी हैं।

Created On :   11 April 2020 8:30 PM IST

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