लॉकडाउन : ओडिशा 1 महीने विस्तार के पक्ष में, मेघालय को आंशिक छूट की दरकार
नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चौथी वीडियो कॉन्फ्रेंस की। सूत्रों ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ाने या उसमें छूट देने को लेकर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। लॉकडाउन का दूसरा चरण तीन मई को समाप्त हो रहा है।
जहां अधिकांश मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन के विस्तार का समर्थन किया, वहीं कई राज्यों ने प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी आर्थिक चिंताओं को उठाया। सोमवार को नौ मुख्यमंत्रियों ने अपनी बात रखी। जिनमें से कम से कम चार ने लॉकडाउन बढ़ाए जाने का समर्थन किया। माना जाता रहा है कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लॉकडाउन को एक और महीने के लिए बढ़ाने के लिए कहा।
हालांकि, अधिकांश राज्य चाहते हैं कि प्रमुख आर्थिक गतिविधियां संचालित हों, ताकि नौकरी खोने और राजस्व की कमी की दोहरी चिंताए दूर हो सकें। पंजाब जैसे राज्य ने पहले ही केंद्र को लिखा है कि बड़े पैमाने पर राजस्व की कमी के कारण वह शराब की बिक्री की अनुमति दें।
मेघालय ने ग्रीन जोन में गतिविधियों को अनुमति देने के साथ लॉकडाउन जारी रखने की मांग की। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा, हमने मेघालय में ग्रीन जोन या नॉन-कोविड प्रभावित जिलों में गतिविधियों पर छूट के साथ लॉकडाउन तीन मई के बाद तक जारी रखने के लिए कहा है।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने बैठक में मुख्यमंत्रियों से कहा था कि लक्ष्य रेड जोन को ऑरेंज जोन में और ऑरेंज जोन को ग्रीन जोन में बदलने का होना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि वह सीमित गतिविधि की अनुमति देने के विचार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन चाहते हैं कि राज्यों को एक बढ़िया प्रिंट के साथ आना चाहिए कि वे दो गज दूरी के सिद्धांत का पालन करते हुए यह कैसे करना चाहते हैं।
मोदी ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में भारत को और राज्यों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जारी रखते हुए अर्थव्यवस्था को महत्व देना होगा। उन्होंने कहा कि दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा, हमें बहादुर बनना होगा और उनमें सुधार लाना होगा, जो आम नागरिकों के जीवन को प्रभावित करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों के लिए हॉटस्पॉट या रेड जोन क्षेत्रों में दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने का महत्व है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि लॉकडाउन को लागू करना आवश्यक है, ताकि अधिकतम जीवन बचाया जा सके।
इस बीच, विदेशों में रह रहे भारतीयों को वापस लेने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए कि उन्हें असुविधा न हो और उनके परिवारों को कोई जोखिम न हों।
Created On :   27 April 2020 6:30 PM IST