हिमालय के दुर्लभ औषधीय पौधों पर होगा शोध

Rare medicinal plants of Himalayas will be researched
हिमालय के दुर्लभ औषधीय पौधों पर होगा शोध
हिमालय के दुर्लभ औषधीय पौधों पर होगा शोध

नई दिल्ली , 13 दिसम्बर (आईएएनएस)। हिमालय के वनों व तराई में मिलने वाली दुर्लभ एवं जीवनरक्षक औषधियों का लाभ जल्द ही शहरी लोग भी ले सकेंगे। सरकार ने आयुर्वेदिक उपचार की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हिमालय की गोद में आयुर्वेदिक नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट को मंजूरी दे दी है।

हिमालयी क्षेत्र में आयुर्वेदिक सेंटर बनाने का एक बड़ा मकसद यहां मिलने वाली दुर्लभ जड़ी-बूटियों का शोध व इन औषधीय पौधों से दवा तैयार करना है।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार के मुताबिक, भारत सरकार ने लेह में आयुर्वेद का नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ सोवा-रिग्पा स्थापित करने की मंजूरी दी है। जहां लेह में नेशनल इंस्टीटयूट बनाने की मंजूरी दी गई है। वहीं आयुष मंत्रालय हिमालयी क्षेत्रों में आयुर्वेद के 9 रिसर्च केंद्र स्थापित कर चुका है। ये केंद्र जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, त्रिपुरा व नागालैंड में बनाए गए हैं।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बताया कि भारतीय पारंपरिक दवाओं के शोध को बढ़ावा देने के लिए इन हिमालयी क्षेत्रों में आयुर्वेदिक सेंटर स्थापित किए गए हैं। साथ ही ये केंद्र स्थानीय कृषि पर भी शोध करेंगे। हिमालय की गोद में बनाए गए ये केंद्र ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि उपज को कैसे बढ़ाया जाए व कौन सी फसलें किस विधि से उगाई जाए इस विषय पर भी शोध करेंगे।

उन्होंने कहा कि इस शोध से पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाली कृषि को विशेष लाभ मिलने की उम्मीद है। सरकार का कहना है कि हिमालय क्षेत्रों में आयुर्वेदिक केंद्र बनाए जाने से यहां के दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों को समय पर सही उपचार भी प्राप्त हो सकेगा।

Created On :   13 Dec 2019 2:00 PM GMT

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