लॉकडाउन बढ़ाने पर गंभीरता से सोच रहा : पंजाब के मुख्यमंत्री
चंडीगढ़, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को संकेत दिया कि उनकी सरकार लॉकडाउन का विस्तार करने के बारे में गंभीरता से सोच रही है क्योंकि प्रतिबंध हटाने के लिए यह सही समय नहीं लग रहा।
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि चूंकि लॉकडाउन अनिश्चितकालीन नहीं हो सकता, इसलिए सरकार राज्य को इन प्रतिबंधों से निकालने और कोरोनोवायरस के खिलाफ काम करने में खुद को सक्षम बनाने के तरीकों की भी तलाश कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, कई डॉक्टरों, चिकित्सा और अन्य विशेषज्ञों के साथ एक उच्चस्तरीय समिति स्थिति की जांच कर रही है और जल्द ही लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
उन्होंने कहा कि भारत को लेकर बात करें तो अनुमानों और कोविड-19 के वैश्विक रुझान को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि यह सिर्फ युद्ध की शुरूआत है और भारत के लिए अगले कुछ महीनों में स्थिति खराब होने का खतरा है। अमरिंदर सिंह ने साथ में यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति में किसी भी राज्य के लिए लॉकडाउन को हटाना आसान नहीं होगा।
मुख्यएमंत्री ने स्थिति की गंभीरता की ओर इशारा करते हुए कहा कि गुरुवार को रिपोर्ट किए गए 27 पॉजिटिव मामलों में से अधिकांश दूसरे स्तर के संक्रमण से फैले थे। जो कि राज्य में इस बीमारी के सामुदायिक प्रसारण के चरण में बढ़ने का संकेत है। उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्तों में स्थिति गंभीर रूप से बिगड़ सकती है।
उन्होंने कहा, भविष्यवाणियां भयावह हैं, लेकिन हम अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पंजाब में रोगियों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में कम है, लेकिन महामरी के फैलने पर ऐसा ज्यादा दिन नहीं रहेगा।
नई दिल्ली से एआईसीसी द्वारा की गई मीडिया के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि जुलाई-अगस्त तक भारत में महामारी चरम पर होगी और लगभग 58 प्रतिशत भारतीय इससे संक्रमित हो जाएंगे। पंजाब में 87 प्रतिशत लोगों के प्रभावित होने की संभावना है। ऐसी परिस्थितियों में कोई भी सरकार प्रतिबंधों को कम करने में सक्षम नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा, हमें संक्रमण के प्रसार की जांच करनी होगी।
मुख्यमंत्री ने देश के स्वास्थ्य ढांचे के लिए केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को घोषित 15,000 करोड़ रुपये को बिल्कुल अपर्याप्त बताते हुए खारिज कर दिया और कहा,यह भारत के लगभग 1.4 अरब लोगों के लिए कैसे पर्याप्त हो सकता है? किसी भी राज्य के पास केंद्र सरकार की सहायता के बिना यह लड़ाई लड़ने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं हैं। जाहिर है केन्द्र को राज्यों की मदद के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि वह अधिक धन दिए जाने के मुद्दे को उठाएंगे ताकि हर राज्य को इस युद्ध को लड़ने में सक्षम बनाया जा सके।
Created On :   10 April 2020 8:00 PM IST