महिलाओं, मुसलमानों को लगता है मौजूूदा हालात सुधरेंगे

Women and Muslims feel that the current situation will improve
महिलाओं, मुसलमानों को लगता है मौजूूदा हालात सुधरेंगे
महिलाओं, मुसलमानों को लगता है मौजूूदा हालात सुधरेंगे

नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। महिलाएं, मुस्लिम समुदाय, बुजुर्ग और निम्न आय वर्ग के लोग कोरोना संकट को लेकर अत्यधिक आशावादी हैं और उनका मानना है कि देश में कहर बरपा रहा कोविड-19 का प्रकोप कम हो जाएगा और चीजें जल्द ही सुधरने लगेंगी। यह बात आईएएनएस सी-वोटर कोविड ट्रैकर में सामने आई है।

यह डेटा चार से छह अप्रैल के बीच किए गए सर्वेक्षण में सामने आया। इस दौरान अभूतपूर्व रूप से 64 प्रतिशत महिलाएं, 76.3 प्रतिशत बुजुर्ग और 70.4 प्रतिशत मुसलमानों ने माना कि सबसे खराब स्थिति का दौर गुजर चुका है और अब स्थिति में जल्द ही सुधार होने लगेगा।

महिलाएं पुरुषों की तुलना में काफी सकारात्मक नजर आईं। वहीं सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर गौर किया जाए तो संसाधनों के मामले में बेहद कमजोर होने के बावजूद निम्न आय वर्ग के 65.3 फीसदी लोगों का मानना है कि वे कोरोना के मौजूदा संकट के दौर से गुजर जाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि शहरी भारत की तुलना में ग्रामीण इलाकों में अधिक आशावादी देखने को मिले।

इसके विपरीत, उच्च आय समूहों में शामिल भारतीयों का मानना है कि सबसे खराब स्थिति अभी आनी बाकी है। अगर अलग-अलग समुदायों पर गौर करें तो सिख समुदाय से जुड़े लोग सबसे कम आशावादी नजर आए हैं। 43 प्रतिशत सिखों का मानना है कि हाल में स्थिति में सुधार नहीं होगा।

सर्वेक्षण में पाया गया कि अधिक शिक्षित लोग अत्यधिक आशावादी भी हैं।

आईएएनएस सी-वोटर कोविड ट्रैकर के निष्कर्ष और अनुमान सीएटीआई पर एक दैनिक ट्रैकिंग पोल पर आधारित हैं, जो देश भर में 18 साल से अधिक उम्र वाले वयस्कों के बीच पिछले सात दिनों के दौरान आयोजित किया गया है। यह सर्वेक्षण देशभर के विभिन्न राज्यों से कुल 1,114 लोगों से की गई बातचीत पर आधारित है।

Created On :   11 April 2020 8:30 PM IST

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