कोरोना से जंग : भेदभाव रूपी वायरस को चट कर रहा संकल्पित युवा
सिद्धार्थनगर, 28 मई (आईएएनएस)। कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई के बीच समाजसेवियों, व्यवसायियों और उदारवादी चेहरों की भरमार है। वहीं सिद्धार्थनगर के युवा राजन द्विवेदी न सिर्फ मानवता की मिसाल कायम कर रहे हैं, बल्कि समाज में नासूर बने भेदभाव पर भी कुठाराघात कर रहे हैं। भगवान बुद्ध की धरती पर दो वक्त की रोटी को तरस रहे चांडालों (शवदाह करने वाले) को भोजन उपलब्ध करा यह युवा समाज को नई दिशा दिखा रहा है। वह एक ऐसे वायरस को मिटाने में जुटा है, जिसने समाज के ताने-बाने को नष्ट कर दिया है।
राजन द्विवेदी ने बताया कि प्रतिदिन होने वाले शवदाह से चांडालों और डोमों की आजिविका चलती थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण इनके हालात बदतर हो गए।
उन्होंने कहा, ऐसे में इस समाजे की चिंता करते हुए इनके बीच राहत सामग्री का वितरण कर इनकी तरफ प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने का यह एक छोटा सा प्रयास है।
उन्होंने कहा कि इनके परिवारों को राशन देने के साथ-साथ महामारी से बचाने के लिए मास्क का वितरण भी किया गया है।
राजन ने बताया कि कोरोना काल में परिस्थिति विकट होने के कारण डोम परिवार एक समय का भोजन जुटाने में भी सक्षम नहीं था।
उन्होंने कहा कि जिले के सोहस घाट, लोटन, मोहाना, बानगंगा, ककरही, पुरानी नौगढ़ और भूवही में जाकर न सिर्फ इनकी मदद की, बल्कि इन्हें बीमारी के प्रति सचेत भी किया।
राजन द्विवेदी ने बताया कि अब तक करीब 100 डोमराज परिवारों में राहत सामग्री का वितरण कर चुके हैं। लॉकडाउन के पहले चरण से लेकर अब तक 90 क्विंटल सूखा राशन समाग्री बांट चुके हैं, जिनमें इन डोम परिवारों के अलावा बाहर से लौटने वाले प्रवासी भी शामिल हैं।
राजन ने आगे बताया कि इसके अलावा गरीबों और असहायों को मुंह ढकने के लिए गमछा बांटा है। अब तक हजारों गमछे बांटे गए हैं।
राजन द्विवेदी के नेतृत्व में टीम ने शारीरिक दूरी बनाकर थरौली, उसका, मोहाना, सोहास व नेपाल से सटे मुडिला गांव के जरूरतमंदों में गमछा वितरण किया।
Created On :   28 May 2020 6:30 PM IST