खनन के खिलाफ: अरावली पर्वत माला लोगों के जीवन यापन से संबंधित, बचाने निकला जनमानस

अरावली पर्वत माला लोगों के जीवन यापन से संबंधित, बचाने निकला जनमानस
100 मीटर से कम ऊंचाई वाली कोई भी पहाड़ी खनन के खिलाफ सख्त नियमों के दायरे में नहीं- केंद्र सरकार की नई परिभाषा को सुको ने माना

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अरावली पहाड़ियों के बारे में केंद्र सरकार की परिभाषा को मान लिया है, जिसमें कहा गया है कि "इस रेंज में 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली कोई भी पहाड़ी खनन के खिलाफ सख्त नियमों के दायरे में नहीं आएगी। सुप्रीम कोर्ट ने अरावली पहाड़ियों में सस्टेनेबल माइनिंग के लिए सिफारिशों और अवैध खनन को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को भी मान लिया है। एएनआई की एक्स पोस्ट में देखिए अरावली पर्वत श्रृंखला की ड्रोन वीडियो।

कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा अरावली पर्वत माला का मुद्दा प्रदूषण के मुद्दे से भी संबंधित है, लोगों के जीवन यापन से संबंधित है, वन्य जीवों से संबंधित है लेकिन लोगों को मुद्दों से भटकाने के लिए षड्यंत्र किए जा रहे हैं। अरावली जो चार प्रदेशों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात से संबंधित है, उसे बचाने के लिए जनमानस निकल पड़ा है लेकिन ये(भाजपा) उन मुद्दों को भटका रहे हैं। दूसरी तरफ मनरेगा में जो परिवर्तन हुआ है, उसके तहत इन्होंने गरीब मजदूर लोगों की रोजी-रोटी छीनी है। इन दो मुद्दों को भटकाने के लिए इधर-उधर की बात की जा रही है।

Created On :   23 Dec 2025 9:00 AM IST

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