कैराना व नूरपुर के चुनाव से अखिलेश यादव ने बनाई दूरी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ,। उत्तर प्रदेश के कैराना व नूरपुर उपचुनाव में एक ओर सभी राजनीतिक संगठनों ने कमर कस ली, वहीं राज्य के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने उपचुनाव में प्रचार से दूरी बना ली है। क्योंकि विपक्ष इस चुनाव को 2019 के आम चुनाव से जोड़ कर देखा रहा है, उसे आशंका है कि कहीं उपचुनाव में बड़ी रैलियों व सभाओं से चुनाव ध्रुवीकरण न हो जाए, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा।
गोरखपुर व फूलपुर चुनाव में भाजपा को हराने के बाद विपक्ष किसी भी तरह की कोई गलती नहीं करना चाहता है। बता दें कि कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 28 मई को वोटिंग होनी है, कैराना में आरएलडी प्रत्याशी तबस्सुम और बीजेपी प्रत्याशी दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह के बीच सीधी टक्कर है। वहीं, नूरपुर में एसपी ने नईमुलहसन को मैदान में उतारा तो बीजेपी ने अवनी सिंह पर भरोसा जताया है।
बड़ी रैलियों से हो सकता है ध्रुवीकरण
बता दें कि अखिलेश यादव को आरएलडी व एसपी दोनों ने अपनी स्टार प्रचारक की लिस्ट में रखा था, लेकिन धार्मिक समीकरण को देखते हुए विपक्ष ने चुनाव प्रचार में बड़ी रैलियों व सभाओं से दूरी बना ली, क्योंकि सभी पार्टियों की नजरें जाट व गुर्जर वोट पर टिकी है और वो किसी भी हालत में इन वोटों का ध्रुवीकरण नहीं करना चाहती।
एसपी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी ने सार्वजानिक रैलियों की जगह घर-घर जाकर प्रचार करने का फैसला किया है। वहीं आरएलडी के प्रवक्ता अनिल दुबे ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि पार्टी को भाजपा की तरह बड़ी रैलियों की आवश्यकता नहीं, हमारे कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर व हमारे अध्यक्ष व उपाध्यक्ष घर-घर जाकर बैठकें कर रहे हैं।
Created On :   25 May 2018 11:07 PM IST