ऐसा है अटलजी का परिवार, जानिए कितनी संपत्ति छोड़ गए और कौन होगा उत्तराधिकारी?
- अटलजी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था।
- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री
- सम्मानीय राजनेता
- महान कवि
- पत्रकार और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन हो गया।
- वाजपेयी जी के पिता कृष्णा बिहारी वाजपेयी पेशे से एक शिक्षक और कवि थे और मां कृष्णा देवी एक घरेलू महिला थीं।
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। भारतीय राजनीति का एक जगमगाता सूरज गुरुवार को अस्त हो गया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, सम्मानीय राजनेता, महान कवि, पत्रकार और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन हो गया। उन्होंने एम्स में 5 बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांस ली। 93 साल के अटलजी लंबे वक्त से बीमार थे और 2009 से व्हीलचेयर पर थे। भारतीय जनता पार्टी के शिखरपुरुष अटल जी का जीवन हर एक के लिए प्रेरणा स्रोत रहा। अपने परिजनों के बेहद करीब रहे वाजपेयी जी का एक बड़ा परिवार है।
25 दिसम्बर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटल विहारी वाजपेयी जी के पिता कृष्णा विहारी वाजपेयी पेशे से एक शिक्षक और कवि थे। वाजपेयी जी की मां कृष्णा देवी एक घरेलू महिला थीं। अटल जी के तीन भाई सदाबिहारी, अवधबिहारी, प्रेमबिहारी और तीन बहनें उर्मिला मिश्रा, कमला देवी और विमला मिश्रा थीं। परिवार में माता-पिता और भाई-बहन के अलावा अटल के ग्वालियर में कई रिश्तेदार भी हैं। इनमें भतीजी कांति मिश्रा और भांजी करुणा शुक्ला हैं। ग्वालियर में अटलजी के भतीजे दीपक वाजपेयी और भांजे सांसद अनूप मिश्रा परिवार सहित दिल्ली पहुंचे हैं।
दिल्ली में दत्तक पुत्री के साथ रहते थे वाजपेयी जी
जीवन भर विवाह न करने की प्रतिज्ञा लेने वाले अटल जी की दो बेटियां हैं। दरअसल दोनों बेटियां नमिता कौल और नंदिता कौल अटल जी के मित्र बीएन कॉल और राजकुमारी कौल की हैं। इन दोनों को अटल जी ने गोद लिया और एक पिता की तरह उनकी देखरेख की। बाद में नम्रता और उनके पति रंजन भट्टाचार्य का परिवार भी उनके साथ रहने लगा था।
वाजपेयी के "घर का सदस्य"
कॉलेज की मित्र राजकुमारी कौल से उनका विवाह न हो सका, लेकिन राजकुमारी की शादी के बाद भी दोनों साथ रहे और उनके रिश्ते को दोनों ने कोई नाम नहीं दिया। अटलजी का कद राजनीति में इतना बढ़ा था कि विरोधी दल और मीडिया कभी उनकी निजी में जिंदगी में तांकझांक नहीं कर सके। राजकुमारी के बारे में बताया जाता है कि जब अटलजी प्रधानमंत्री थे तब कौल वाजपेयी जी के घर की सदस्य थीं। राजकुमारी के निधन के बाद वाजपेयी के आवास से जो प्रेस रिलीज जारी की गई थी, उसमें उन्हें वाजपेयी के "घर का सदस्य" संबोधित किया गया था।
कौन होगा अटलजी की संपत्ति का उत्तराधिकारी
अटलजी के निधन के बाद अब यह सवाल सामने आने लगा है कि उनकी संपत्ति का उत्तराधिकारी कौन होगा? वैसे उनका परिवार काफी बड़ा है। भाई है, बहनें हैं और भांजे-भांजियां भी हैं, मगर सबसे ज्यादा दावेदार उनकी दत्तक पुत्री नमिता और दामाद रंजन भट्टाचार्य को ही माना जा रहा है। बता दें कि अभी अटल जी की वसीयत सामने नहीं आई है, लेकिन साल 2005 में संशोधित हिन्दू उत्तराधिकार कानून के अनुसार यह संपत्ति उनकी दत्तक पुत्री नमिता और दामाद रंजन को मिलने की उम्मीद है।
कितनी है वाजपेयी जी की कुल संपत्ति?
अगर अटलजी की कुल चल संपत्ति की बात की जाए तो, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में वाजपेयी जी की तरफ एक शपथ पत्र जमा किया गया था। जिसके अनुसार अटलजी के नाम कुल चल संपत्ति 30,99,232.41 रुपये थी। यदि अचल संपत्ति की बात करें तो उनके नाम पर दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में फ्लैट नं0 509 है। जिसकी 2004 के समय कीमत 22 लाख रुपये थी। वहीं अटल जी के पैतृक निवास शिंदे की छावनी कमल सिंह का बाग की 2004 के समय कीमत 6 लाख रुपये थी। पूर्व पीएम होने के नाते अटलजी को 20,000 रुपये की मासिक पेंशन और सचिवीय सहायता के साथ 6000 रुपये का कार्यालय खर्च भी मिलता था। इस तरह 2004 के शपथ पत्र के लिहाज से अटल जी की कुल अचल संपत्ति 28,00,000 रुपये थी।
Created On :   17 Aug 2018 12:40 AM IST