देश में बढ़ते बिजली संकट के बीच रेलवे ने लिया बढ़ा फैसला, ट्रेनों 670 फेरों को किया रद्द, जानें इसके पीछे की वजह

देश में बढ़ते बिजली संकट के बीच रेलवे ने लिया बढ़ा फैसला, ट्रेनों 670  फेरों को किया रद्द, जानें इसके पीछे  की वजह
कोयला संकट देश में बढ़ते बिजली संकट के बीच रेलवे ने लिया बढ़ा फैसला, ट्रेनों 670 फेरों को किया रद्द, जानें इसके पीछे की वजह
हाईलाइट
  • 500 से अधिक लंबी दूरी वाली मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं।

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। देश में एक ओर बिजली संकट गहराने लगा है। वहीं दूसरी ओर कोयले की कमी भी देखा जा रही है। कोयले की कमी की कमी का असर सीधे ट्रेनों के आवागमन पर पड़ने वाला है। कोयले की कमी को देखते हुए रेल विभाग ने अगले एक महीने तक पैसेंजर ट्रेनों के 670 फेरों को रद्द करने का फैसला लिया है। 

बता दें देशभर में इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है। तेजी से बढ़ती गर्मी की वजह से ही बिजली की मांग में भी बढ़ोतरी हुई है। इसी वजह से ही कोयले की मांग बढ़ गई है। अब पावर प्लांट्स के पास कुछ ही दिनों का कोयला रह गया है। इसकी वजह से देश में बिजली संकट खड़ा हो गया है। 

इस स्थिति से देश को बचाने के लिए रेल्वे ने अपनी ओर से सहयोग देने का प्रयास कर रहा है। देश में कोयले की ढुलाई का काम सबसे अधिक रेलवे द्वारा ही किया जाता है। विभाग ने कोयले से लदी मालगाड़ियों की संख्या भी बढ़ा दी है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने कोयले की ढुलाई के लिए रोजाना 415 मालगाड़ियां मुहैया कराने का फैसला किया है ताकि कोयले की मांग को पूरा किया जा सके। इनमें से हर मालगाड़ी करीब 3,500 टन कोयला ढोने में सक्षम है  माना जा रहा है कि पावर प्लांट्स में कोयले का भंडार बढ़ाने तक यह व्यवस्था जारी रह सकती है। जुलाई-अगस्त के बाद ये संकट टल जाएगा।

 रेलवे ने पिछले कुछ हफ्तों से रोजाना 16 मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को रद्द भी किया था। हाल ही में फिर रेलवे ने बड़ा कदम उठाते हुए एक बार फिर अगले 1 महीने के लिए कुछ गाड़ियों को रद्द करने का फैसला किया है। रेल्वे के अनुसार , आगामी 24 मई तक पैसेंजर ट्रेनों के 670 फेरों को रद्द किया गया है। जिसमें  500 किमी से अधिक लंबी दूरी वाली मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं। अब रोजाना 400 से ज्यादा ऐसी ट्रेनों को चलाया जा रहा है। 

 ट्रेनों के रद्द होने पर हो रहा विरोध 

रेल मंत्रालय के मुताबिक कई राज्यों में पैसेंजर ट्रेनों के रद्द करने के निर्णय का विरोध भी हो रहा है। लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। अभी हमारी प्राथमिकता यह है कि सभी पावर प्लांट्स के पास कोयले का पर्याप्त भंडार हो जिससे देश में बिजली का संकट पैदा न हो।  मंत्रालय का कहना है कि हमारे लिए यह धर्मसंकट की स्थिति है। हमें उम्मीद है कि हम इस स्थिति से बाहर निकल जाएंगे। 


 


 

Created On :   29 April 2022 7:55 AM GMT

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