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कांग्रेस से नाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ! बीजेपी में जाने की अफवाहों का किया खंडन

हाईलाइट
- कांग्रेस पार्टी से नाराज दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया !
- बीजेपी में शामिल होने की अफवाहों को सिंधिया ने बताया निराधार
- ट्विटर अकाउंट से सिंधिया ने हटाई कांग्रेस की पहचान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर बायो बदलने के बाद लगाई जा रही बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। सिंधिया ने ट्वीट कर कहा, 'लगभग एक महीने पहले बदली गई ट्विटर प्रोफाइल पर इस तरह की अटकलें हास्यास्पद है।' सिंधिया ने ये भी कहा कि मैंने लोगों की सलाह पर ट्विटर पर अपना बायो बदल दिया था। इस बारे में जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं वे निराधार हैं।
Ridiculous commotion over a twitter profile change done almost a month ago!
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) November 25, 2019
Jyotiraditya Scindia to ANI, on no mention of Congress party in his Twitter bio: A month back I had changed my bio on Twitter. On people's advice I had made my bio shorter. Rumours regarding this are baseless. pic.twitter.com/63LAw9SIvb
— ANI (@ANI) November 25, 2019
बता दें कि गुना लोकसभा सीट से हार के बाद सिंधिया पार्टी से नाराज चल रहे थे। कई बार उनकी नाराजगी अलग-अलग रुप में सामने आई भी थी। इस बीच उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थी। ऐसा माना जा रहा था कि सिंधिया लगातार बीजेपी के संपर्क में हैं। अगस्त महीने में सिंधिया की नाराजगी और उनके समर्थन में कार्यकर्ताओं की इस्तीफे की धमकी के बीच सीएम कमलनाथ खुद सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली भी गए थे। मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा था कि सब कुछ ठीक है।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं सिंधिया
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ट्विटर पर लगातार ट्रेंड कर रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस से नाराज होकर वो बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। बताया ये भी जा रहा है कि वो अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी का हाथ थाम सकते हैं। सिंधिया लंबे समय में कांग्रेस आलाकमान से नाराज बताए जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर उनकी नियुक्ति ना किया जाना इसकी एक वजह है। इससे पहले दिसंबर 2018 में जब कांग्रेस मप्र की सत्ता में आई, तब भी सिंधिया मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, हालांकि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जुगलबंदी के आगे उनकी दावेदारी फीकी पड़ गई। इसके बाद मई 2019 में वो लोकसभा चुनाव हार गए और लगातार हाशिए पर हैं।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।