राहुल गांधी ने जल्द वापसी न करने के दिए संकेत

Rahul Gandhi gave signs for not returning soon
राहुल गांधी ने जल्द वापसी न करने के दिए संकेत
राहुल गांधी ने जल्द वापसी न करने के दिए संकेत

नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस द्वारा प्रवासियों के मुद्दे पर अच्छी पहल करने और रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी के साथ राहुल गांधी की बातचीत को सोशल मीडिया पर 7.5 करोड़ लोगों द्वारा देखे जाने के बाद कांग्रेस समर्थकों को उम्मीद की एक किरण दिखाई देने लगी थी, लेकिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने इस तरह का बयान देकर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है कि वापसी की फिलहाल कोई योजना नहीं है।

राहुल ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापसी के बारे में पूछे जाने पर, सीधे जवाब नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि एक साल पहले के मेरे पत्र को पढ़ें।

कोविड लॉकडाउन के दौरान राहुल गांधी पार्टी मामलों में अधिक सक्रिय रहे हैं। वह मामलों में मजबूती से हस्तक्षेप कर रहे हैं। इससे कांग्रेस के हलकों में इस तरह की चर्चा थी कि वह वापस लौट आएंगे।

हालांकि, जब पत्रकारों ने पूछा कि आपकी सक्रियता फिर से नजर आ रही है तो उन्होंने सीधे जवाब नहीं दिया।

राहुल ने कहा, कृपया एक वर्ष पहले के मेरे पत्र को पढ़ें, उन्होंने अपनी सक्रियता को लेकर कहा कि उनकी सक्रियता जरूरी थी।

आम चुनाव में पार्टी की बुरी हार के बाद गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। वह अपनी पारिवारिक सीट अमेठी में हार गए थे। हालांकि वायनाड में उन्होंने जीत दर्ज की थी।

आम चुनाव के बाद राहुल गांधी ने अपने पत्र में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पार्टी को जीताने के लिए कोई प्रयास नहीं करने का जिम्मेदार ठहराया था।

उस समय सूत्रों ने कहा था कि राहुल को उम्मीद थी कि वरिष्ठ नेता हार की अपनी जिम्मेदारी लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि कार्यसमिति में राहुल गांधी को अपना फैसला वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए सभी ने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन वह उस दबाव के आगे नहीं झुके।

पार्टी से अलग-अलग सुझाव आ रहे हैं कि राहुल गांधी को फिर से पद संभालना चाहिए या नहीं। जबकि शशि थरूर ने सुझाव दिया है कि कांग्रेस के पास स्थायी अध्यक्ष होना चाहिए, क्योंकि पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को अंतरिम प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया गया था।

अनिल शास्त्री जैसे नेताओं ने कहा है कि प्रियंका गांधी एक बेहतर विकल्प हो सकती हैं, क्योंकि गांधी परिवार के बाहर का कोई अध्यक्ष पार्टी को एकजुट नहीं रख पाएगा।

Created On :   8 May 2020 12:00 PM GMT

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