बिहार: अफसोस होता है उनपर जो आजाद हैं, सत्ता में बैठ कर भी लाचार हैं- लालू

Sadly, those who are free, even sitting in power, are helpless: Lalu
बिहार: अफसोस होता है उनपर जो आजाद हैं, सत्ता में बैठ कर भी लाचार हैं- लालू
बिहार: अफसोस होता है उनपर जो आजाद हैं, सत्ता में बैठ कर भी लाचार हैं- लालू

डिजिटल डेस्क, पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने शुक्रवार को जन्मदिन पर बधाई देने वालों को धन्यवाद देने के बहाने प्रवासी मजूदरों को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि बिहार के लोग संकट में हैं और कुर्सी पर बैठे लोग बेपरवाह हैं। लालू ने कहा कि अफसोस होता है उनपर जो आजाद हैं, सत्ता में बैठ कर भी लाचार हैं।

चर्चित चारा घोटाले के कई मामलों में जेल में बंद सजायाफ्ता लालू प्रसाद के ट्विटर हैंडल से बिहारवासियों के नाम एक पत्र जारी किया गया है। लालू प्रसाद द्वारा लिखे इस पत्र में कहा गया है कि जन्मदिन पर आपकी ढेर सारी बधाई पाकर अभिभूत हूं। वर्तमान परिस्थिति में आपकी एक-एक बधाई मुझे संघषों का सम्बल, आशाओं का स्रोत, अन्याय का दमन और बदलाव की किरण दिखाई देती है।

पत्र में आगे लिखा गया है, मेरे बिहारवासी सदमे में हैं। दु:ख में हैं। सुविधाओं के अभाव में जी रहें हैं। सड़कों पर पैदल चल रहें हैं। भूख से मर रहें हैं तो मेरा मन अथाह पीड़ा का अनुभव कर रहा है। जब कहीं से सुनता हूं रोते हुए मजदूरों की व्यथा, महसूस करता हूं उनकी आंखों के आंसू तो लगता है कि अपने अंदाज में कंधे पर हाथ मारूं और कहूं काहे फिक्र करता है, हम है न साथ में, लेकिन हालात से मजबूर हूं, साजिश की बेड़ियों में जकड़ा हुआ हूं। मुझे अफसोस होता है उनपर जो आजाद हैं, सत्ता में बैठ कर भी लाचार हैं। उन्हें कैसे नींद आ रही होगी, कैसे खाना खाया जाता होगा।

उन्होंने आगे लिखा, क्या शब्द दूं, उस पीडा़ को जो अपने बिहार से दूर अस्पताल के इस कमरे के भीतर मेरे मन में उठ रही है। बिहार में होता तो जतन में रत्ती भर कोताही ना करता, अब तेजस्वी और अपनी पार्टी के कन्धों पर ये जिम्मेदारी दी है। सत्ता ने जब-जब निराश किया। तेजस्वी और पार्टी ने मन को राहत दी और महसूस कराया कि भले ही कुर्सी पर बैठे लोग बेपरवाह हैं लेकिन मेरे राजद परिवार, मेरे बिहार के लोग संकट की इस घड़ी में एक दूसरे का बखूबी साथ दे रहें हैं। पत्र में कहा गया है कि जीवन भर विरोधी ये कहते रहे कि लालू हंसी-मजाक करता है, संजीदा नहीं होता।

उन्होंने लिखा, मेरे बिहारवासियों मैं आज ये आपसे कहना चाहता हूं कि मैं जीवन भर अपने दिमाग से हर वो प्रयत्न संजीदा होकर करता रहा जो मेरे गरीब, दलित, शोषित, वंचित और पिछड़े भाइयों का हक दिलाएं उनके जीवन को ऊपर उठाएं और दिल से मेरी यही कोशिश रही कि मेरे बिहारवासी हमेशा हंसते रहें, मुस्कुराते रहें। मेरी एक बात सुनकर जब सामने खड़े लाखों लोग हंस देते हैं तो विरोधियों के सारे आरोप और तमगे मुझे बेमानी लगने लगते हैं।

राजद अध्यक्ष ने 73वें जन्मदिन के मौके पर उनसे मिलने रांची गए अपने छोटे पुत्र और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को लेकर उन्होंने पत्र में लिखा, छोटी उम्र में तुमने जो किया उसपर मुझे गर्व है। तुम्हे रुकना नहीं है। तुम्हें अपनी ऊर्जा के साथ-साथ लालू की ऊर्जा से भी काम करना है। हर काम को पहले के मुकाबले दोगुना करना है। जनसेवा का वचन ऐसे ही निभाते रहना है। दुखी चेहरों पर मुस्कुराहट सजाते रहना है। यही मेरे जन्मदिन का सबसे बड़ा उपहार है।

 

Created On :   12 Jun 2020 7:30 AM GMT

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