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मुंबई: पर्यावरण मंत्री ने किया पेड़ काटने का समर्थन, शिवसेना विरोध में
हाईलाइट
- जावड़ेकर ने कहा- अगर कहीं पेड़ काटे हैं तो 5 पेड़ लगाए भी हैं
- चुनावी माहौल में जावड़ेकर का बयान कर सकता है शिवसेना और भाजपा को आमने-सामने
- आरे कॉलोनी में हुई पेड़ों की कटाई के विरोध में उतरीं कई हस्तियां
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई की आरे कॉलोनी में हुई पेड़ों की कटाई का विवाद तूल पकड़ता ही जा जा रहा है। पुलिस ने पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी है। इसी बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पेड़ काटने के फैसले का समर्थन कर मामले में सियासी जंग छेड़ दी है। जावड़ेकर ने कहा कि हाई कोर्ट ने माना है कि 'आरे' जंगल नहीं है और जहां जंगल है, आप वहां पेड़ नहीं काट सकते हैं। पेड़ कटाई पर शिवसेना के विरोध के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, अगर कहीं पेड़ काटे जा रहे हैं तो हमने इससे कई अधिक पेड़ लगाए भी हैं।
जावड़ेकर ने दिल्ली मेट्रो का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में मेट्रो आज दुनिया में सबसे अच्छी मेट्रो है। विदेशी लोग यहां आकर मेट्रो को देखते हैं कि इसका विकास कैसे हुआ। जब पहला मेट्रो स्टेशन बना तो 20-25 पेड़ गिराने की जरूरत थी, तो लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन एक पेड़ के बदले पांच पेड़ लगाए गए और पिछले 15 साल में पेड़ बड़े हो गए हैं। दिल्ली में 271 स्टेशन बनाए गए हैं। हमने दिल्ली का जंगल बढ़ाने के साथ-साथ 30 लाख लोगों के लिए सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था की है।
Union Minister of Environment Prakash Javadekar on #AareyForest: In Delhi, 271 metro stations have been made and tree cover has also increased. This is development and preservation of nature. https://t.co/iiQn40PdZk
— ANI (@ANI) October 5, 2019
जावड़ेकर के इस बयान के बाद कहा जा रहा है कि पेड़ों की कटाई का यह विवाद अब लंबा खिंचने वाला है, क्योंकि हाल ही में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की है। वहीं बीते दिन शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन की घोषणा की है। ऐसे में चुनावी माहौल में एक ओर शिवसेना पेड़ कटाई का विरोध कर रही है तो वहीं दूसरी ओर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जावड़ेकर का यह बयान दोनों दलों को कहीं आमने-सामने न खड़ा कर दे। ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में पिछली बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने दम पर चुनाव लड़ा था।
विरोध कर रहे लोगों ने लगाया आरोप
बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार रात हंगामे के दौरान आरोप लगाया कि बीएमसी ने पेड़ों को काटने के लिए मिली अनुमति को अपने वेबसाइट पर नहीं डाला है। प्रदर्शनकारियों ने कानून की बात करते हुए कहा कि वेबसाइट पर अनुमति की कॉपी को डालने के 15 दिनों के बाद पेड़ काटे जा सकते हैं। जबकि बीएमसी ने ऐसा नहीं किया है। सोशल मीडिया पर भी पेड़ों को काटने का वीडियो वायरल हो गया है। वहीं कई लोगों ने ट्वीट कर इस मुद्दे पर देवेंद्र फडणवीस सरकार और बृहन्मुम्बई महानगरपालिका की निंदा भी की। इसी बीच शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उन्होंने ट्वीट कर आरे जाने की बात कही थी।
विरोध में बॉलीवुड और राजनीतिक हस्तियां भी शामिल
बता दें कि मेट्रो कारशेड बनाने के लिए काटे जाने वाले पेड़ों को बचाने के लिए कई पर्यावरण प्रेमियों ने इसका जमकर विरोध किया है। इसमें सिर्फ आमलोग शामिल नहीं हैं, बल्कि बॉलीवुड की हस्तियों सहित कई राजनैतिक चेहरे भी सामने आए हैं। विरोध में बॉलीवुड अभिनेत्री दिया मिर्जा और नेता जिग्नेश मेवानी ने इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज उठाई है।
आम आदमी पार्टी की नेता प्रीति मेनन शर्मा ने कहा कि, 21 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के बीच पेड़ काटना चुनाव संहिता का उल्लंघन है। तो वहीं शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी जंगलों को काटे जाने का विरोध किया है।
आदित्य ठाकरे ने पेड़ों को काटने के विरोध में लिखा कि जिस तरह से मुंबई मेट्रो-3 के नाम पर पेड़ों को धूर्तता से काटा जा रहा है, वह शर्मनाक और गलत है। यह कैसा रहेगा अगर इन अधिकारियों की नियुक्ति पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कर दी जाए और वे पेड़ों की जगह आतंकी शिविरों को तबाह करें।
ठाकरे ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि मुंबई-मेट्रो-3 अविवेकपूर्ण तरीके से क्षेत्र के इको सिस्टम को तबाह कर रही है। मुंबई मेट्रो-3 के अहम की लड़ाई इसके बनने के उद्देश्य को खत्म कर रही है।
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