हर हादसे में बचाव की जिम्मेदारी NDRF को ही क्यों सौंपी जाती है? बालासोर में भी NDRF ही कर रही है रेस्क्यू

हर हादसे में बचाव की जिम्मेदारी NDRF को ही क्यों सौंपी जाती है? बालासोर में भी NDRF ही कर रही है रेस्क्यू
  • बड़ी आपदाओं के बाद गठित हुई थी यूनिट
  • एनडीआरएफ का कार्य आपदा में सेवा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत या फिर अन्य किसी देश में बाढ़, भूकंप, तूफान या फिर आग जैसी कोई बड़ी आपदा आते ही सबसे पहले एनडीआरएफ की टीम का नाम सुनाई देता है। जहां एनडीआरएफ की टीम आपदा से प्रभावित हुए लोगों की मदद करती है और इस मुश्किल स्थिति को सुधारने की कोशिश करती है। लेकिन ऐसा क्यों है कि जैसे ही कोई बड़ी आपदा आती है एनडीआरएफ की टीम ही मदद से के लिए भेजी जाती है? आज हम आपको मुश्किलों में फंसे लोगों को मौत के मुंह से बचाने वाली टीम एनडीआरएफ के बारे में बताने वाले हैं-

क्या है एनडीआरएफ की टीम?

दरअसल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानि एनडीआरएफ एक स्पेशल यूनिट है, जो आपदा की परिस्थितियों में एक्सपर्ट और डेडिकेटेड रेस्पोंस के लिए बनाई गई है। साल 2005 में इस टीम के निर्माण का कार्य शुरु हुआ और साल 2006 में बनकर तैयार हुआ था, एनडीआरएफ के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ऑफिशियल सुप्रीम यूनिट है। जिसके अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री हैं।

बड़ी आपदाओं के बाद गठित हुई यूनिट

एनडीआरएफ की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, 90 के दशक के मध्य में और उसके बाद के दशक में आपदा प्रतिक्रिया और तैयारी को लेकर इंटरनेशनल लेवल पर काफी चर्चा हुई। जहां साल 1994 में योकोहामा स्ट्रैटेजी प्लान और 2005 में ह्योगो फ्रेमवर्क फॉर एक्शन बहुत ज्यादा इफेक्टिव थे, जिन्हें यूएन द्वारा अपनाया गया था। इन दस सालों में देश में कई आपदाएं आई, जिनमें 1999 में उड़ीसा सुपर साइक्लोन, 2001 में गुजरात भूकंप और 2004 में हिंद महासागर सुनामी जैसी कई बड़ी आपदाएं शामिल थी। इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए एक डिजास्टर मैनेजमेंट यूनिट की जरुरत महसूस हुई। जिसके बाद 26 दिसंबर, 2005 को आपदा प्रबंधन अधिनियम लाया गया और अगले साल 8 बटालियन के साथ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को गठित किया गया।

बड़ी आपदाओं में की जाती है तैनाती

बिजनेस इंसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, देश में आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। प्राकृतिक आपदाओं के लिए केंद्र सरकार में नोडल मंत्रालय होता है। जब देश के किसी राज्य में कोई गंभीर आपदा आती है तो जरुरत के वक्त उसे सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है। जिसमें सशस्त्र बलों, एनडीआरएफ, आवश्यक संचार और अन्य चीजों की तैनाती भी शामिल होती है।

एनडीआरएफ का कार्य आपदा में सेवा

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानि एनडीआरएफ का मोटो "आपदा सेवा सदैव सर्वत्र है।" जिसका अर्थ होता है, किसी भी आपदा की परिस्थिति में कही भी मदद के लिए हमेशा आगे रहती है। हर आपदा की परिस्थिति में आगे बढ़कर लोगों की मदद करने वाली एनडीआरएफ देशभर में अलग-अलग जगहों पर स्थित कुल 12 बटालियन से मिलकर बनी हैं। जिन्हें पैरामिलिट्री फोर्स की तरह ही ऑर्गेनाइज किया जाता है। इन हर एक बटालियन में कुल 1149 कर्मी रहते हैं। जिनमें 18 सेल्फ कंटेन्ड स्पेशलिस्ट सर्विस में सक्षम होते हैं। इनके अलावा 45 बचाव कर्मियों की टीम में इंजीनियर, इलेक्ट्रीशियन, मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉग स्क्वॉड तकनीशियन और पैरामेडिक्स रहते हैं।

एसडीआरएफ क्या है?

एसडीआरएफ या राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल भी एनडीआरएफ की तरह आपदा की परिस्थितियों में राहत और बचाव का कार्य करती है। हालांकि एनडीआरएफ की तैनाती पूरे देश या फिर अन्य देशों में कहीं भी आपदा की स्थिति में होती है। जबकि एसडीआरएफ की टीम केवल राज्य में आने वाली आपदायों में राहत और बचाव का कार्य करती है।

Created On :   3 Jun 2023 2:09 PM GMT

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