5 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म , रातभर नहीं हुआ मेडिकल, तड़पती  रही मासूम

5-year-old molested, medical not done overnight, innocent victim
5 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म , रातभर नहीं हुआ मेडिकल, तड़पती  रही मासूम
5 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म , रातभर नहीं हुआ मेडिकल, तड़पती  रही मासूम

डिजिटल डेस्क अनूपपुर । 23 सितंबर की देर शाम राज्य के अंतिम छोर पर स्थित  राम नगर थाना अंतर्गत 5 वर्षीय मासूम के साथ रिश्ते के ही चाचा ने दुष्कर्म किया। शिकायत हुई, मामला पंजीबद्ध किया गया और कानूनी प्रक्रिया  प्रारंभ हुई। रात लगभग 11 बजे पीडि़ता को मेडिकल के लिए चिकित्सालय ले जाया गया। प्रशासनिक अधिकारियों और चिकित्सालय में मौजूद चिकित्सक  ने अनुमति और कागजी दस्तावेज की मंाग करते हुए अमानवीय व्यवहार प्रदर्शित करने के साथ ही मासूम का मेडिकल करने से इंकार कर दिया। रात भर पीडि़ता रक्तस्त्राव और दर्द से तड़पती रही। पुलिस मेडिकल के साथ ही उपचार कराने को लेकर परेशान रही। देर रात जब कोई भी प्रयास सफल नहीं हुआ और पीडि़ता की हालत देख अन्तत: थाने में रोजनामचे में सभी अधिकारियों की उदासीनता की तहरीर दर्ज कर दी गई। 
यह है मामला 
रामनगर थानान्तर्गत डोला ग्राम से 23 सितंबर की शाम 5 वर्षीय गुमशुदा हो गई थी, घर वालों ने जब पता तलाश प्रारंभ की तो पड़ोसियों ने बतलाया कि उन्होंने मासूम को उसके रिश्ते के चाचा के साथ जाते हुए देखा था। जिसके बाद   लोगों के बताए अनुसार मासूम की तलाश शुरू की गई। देर शाम रेलवे लाइन के पास मासूम बच्ची घर वालों को मिली। जिसमें उसने बतलाया कि चाचा उसे बिस्किट खिलाने के बहाने दुकान ले जाने को बोलकर यहां ले आया और उसके साथ गंदी हरकत की। मासूम की हालत देख परिजनों को घटना समझ आ गई।  वे बच्ची को अपने साथ थाने ले गए,जहां आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 376(2, (च)(झ) तथा पाक्सो एक्ट की धारा 3,4,5 एमएन, 6 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। 24 सितंबर की सुबह आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। 
देर रात पहुंची अस्पताल  
दुष्कर्म पीडि़ता मासूम से दरिन्दगी के बाद प्राइवेट पार्ट से हो रहे रक्तस्त्राव  और दर्द को देखते हुए उसके एमएलसी के लिए एसडीएम से अनुमति का प्रयास किया गया। एसडीएम अनूपपुर अमन मिश्रा के पास कोतमा का भी अतिरिक्त प्रभार है। अनूपपुर में मौजूद होने के कारण उन्होंने सुबह अनुमति लेने की बात कहते हुए नायब तहसीलदार रामखेलावन को मौके पर भेजा। जहां से मासूम को बिजुरी  प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया। रात लगभग 11 बजे मासूम चिकित्सालय पहुंची। 
प्रशासन का अमानवीय चेहरा उजागर 
थाने में मौजूद थाना प्रभारी द्वारा अनुमति नहीं मिलने व पीडि़ता की हालत से प्रभारी पुलिस अधीक्षक अभिषेक राजन को अवगत कराया गया। गंभीर स्थिति को देखते हुए देर रात ही दादी और पुलिसकर्मियों के साथ मासूम को बिजुरी  स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया था। जहां ड्यूटी पर मौजूद महिला चिकित्सक डा. दीपारानी ने एसडीएम की अनुमति नहीं होने के साथ ही पीडि़ता के जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता के आधार कार्ड की मंाग करते हुए मेडिकल करने से ही इंकार कर दिया। रातभर मासूम दर्द से तड़पती रही और प्रशासन के अमानवीय चेहरे को उजागर करती रही। अगली सुबह 24 सितंबर को जिला चिकित्सालय में पीडि़ता का मेडिकल और उपचार हो पाया। 
पुलिस ने लिखी बेवशी
कानून और मानवीयता से परे प्रशासनिक महकमें के सामने विवश हो चले  थाना रामनगर ने रात लगभग 1.20 बजे पुलिस के रोजनामचे में तहरीर भी लिखी।  जिसमें अनुमति नहीं मिलने, डाक्टर द्वारा अनावश्यक दस्तावेजों की मांग करते हुए मेडिकल नहीं करने, बार-बार प्रभारी पुलिस अधीक्षक को फोन करने के साथ ही मामले और मासूम की गंभीरता के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कर दी गई। 
यह कहता है कानून 
अधिवक्ता राजेश शर्मा ने इस मामले के संबंध में बतलाया कि सर्वोच्च न्यायालय की गाइड लाइन के साथ ही धारा 357  में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि घायल व दुष्कर्म पीडि़ता का उपचार करने के लिए चिकित्सक बाध्य है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके विरूद्ध धारा 166 बी के तहत कार्यवाही  की जा सकती है। जिसमें एक वर्ष के कारावास सहित अर्थदंड का प्रावधान भी है। 
इनका कहना है 
 बच्ची  के साथ न तो माता-पिता आए थे और न ही एसडीएम की अनुमति थी। ऐसे में बगैर दस्तावेज के एमएलसी कैसे किया जाता। पुलिस कुछ भी कहती रहती है, कोर्ट में हमें खड़ा होना पड़ता है।
डा. दीपारानी, पीएचसी बिजुरी 
 चूंकि मैं अनूपपुर मुख्यालय में था और देर रात पीडि़ता को अनूपपुर लाना मुश्किल होता, मैने नायब तहसीलदार को भ्ेाजकर एमएलसी के लिए निर्देशित कर दिया था। यदि उनके द्वारा अनावश्क दस्तावेजों की मंाग करते हुए मेडिकल नहीं किया गया तो जानकारी लेकर कार्यवाही की जाएगी
अमन मिश्रा, एसडीएम अनूपपुर/कोतमा 
 पूरे मामले की जानकारी मुझे भी मिली है। सीएमएचओ को मामले की जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही चिकित्सक द्वारा उपचार नहीं करने पर कार्यवाही को भी कहा गया है।
चन्द्र मोहन ठाकुर, कलेक्टर अनूपपुर
 

Created On :   25 Sep 2019 7:52 AM GMT

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