संकष्टी गणेश चतुर्थी : इस व्रत से सभी कष्ट होंगे दूर, जानें पूजा विधि

Ganesh Chaturthi: All the suffering will come away from this fast
संकष्टी गणेश चतुर्थी : इस व्रत से सभी कष्ट होंगे दूर, जानें पूजा विधि
संकष्टी गणेश चतुर्थी : इस व्रत से सभी कष्ट होंगे दूर, जानें पूजा विधि

डिजिटल डेस्क। पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की तिथि संकष्टी चतुर्थी कहलाती है, जो 22 मई बुधवार को यानी कि आज मनाई जा रही है। संकष्टी चतुर्थी का अर्थ है संकट को हरने वाली चतुर्थी होता है। इस व्रत से समस्त कष्ट दूर होते हैं और धर्म, अर्थ, मोक्ष, विद्या, धन व आरोग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन विघ्नहर्ता गणेश जी का पूजन किया जाता है। आपको बता दें हर महीने दो दिन चतुर्थी तिथि पड़ती है। भविष्य पुराण में कहा गया है कि जब मन संकटों से घिरा हुआ लगे तब गणेश चतुर्थी का व्रत करें। 

तिथि और शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक

व्रत पूजन विधि 
इस दिन प्रात:काल उठकर स्नान कर गणेश जी के सामने दोनों हाथ जोड़कर मन, वचन, कर्म से इस व्रत का संकल्प करना चाहिए। संध्या काल में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें। इस दिन गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं। मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल का भोग लगाएं। 

इसके बाद गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीगणपतिस्त्रोत या गणेशजी के वेदोक्त मंत्रों का पाठ करें। फिर वैशाख चतुर्थी की कथा सुने अथवा सुनाएं। गणपति की आरती करने के बाद अपने मन में मनोकामना पूर्ति के लिए ईश्वर से विनती करें। पूजन के बाद चंद्रमा का पूजन करें एवं जलार्घ्य अर्पित करें। 

Created On :   22 May 2019 6:49 AM GMT

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