5 अक्टूबर को 'शरद पूर्णिमा', इस रात पृथ्वी भ्रमण पर निकलेंगी मां लक्ष्मी
By - Bhaskar Hindi |2 Oct 2017 11:04 PM GMT
5 अक्टूबर को 'शरद पूर्णिमा', इस रात पृथ्वी भ्रमण पर निकलेंगी मां लक्ष्मी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। शास्त्रों में ऐसा वर्णन मिलता है कि इसी रात को भगवान श्रीकृष्ण महारास किया था। जिसकी वजह से इसे रास पूर्णिमा कहा जाता है। इसी रात को दिव्य औषधियां जागृत होती हैं। उनमें विशेष शक्ति का प्रवाह होता है जो बड़े से बड़े रोगों को भी दूर कर सकता है। इस वर्ष यह 5 अक्टूबर गुरुवार को मनाई जा रही है। यहां हम आपको शरद पूर्णिमा से जुड़ी कुछ खास मान्यताएं व रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं...
- हिंदू पुराणों के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होता है। चांद की रोशनी इस रात सबसे अधिक तेज और दिव्य मानी जाती है। इस रात को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे अधिक निकट होता है।
- कहा जाता है इसी रात के बाद से मौसम बदलता है और सर्दी के मौसम का आगमन होता है।
- ऐसी भी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण पर निकलती हैं जो रात्रि जागरण और भगवान विष्णु और लक्ष्मी की आराधना कर रहा होता है वे वहां निवास भी करती हैं।
- यह भी कहा जाता है कि लंकाधिपति रावण शरद पूर्णिमा की रात किरणों को दर्पण के माध्यम से अपनी नाभि पर ग्रहण करता था। इस प्रक्रिया से उसे पुनर्योवन शक्ति प्राप्त होती थी।
- कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात अमृत वर्षा होती है। जिसकी वजह से दूध या खीर चंद्रमा की रोशनी के बीच रखना चाहिए। इस खीर का प्रसाद ग्रहण करने से अनेक प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है। इसका अध्यात्मिक कारण के साथ ही एक वैज्ञानिक पहलू भी है।
- एक अध्ययन के अनुसार दूध में लैक्टिक एसिड और अमृत तत्व होता है। यह तत्व किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करता है। चावल में स्टार्च होने के कारण यह प्रक्रिया और आसान हो जाती है। इसी कारण विद्वानों ने शरद पूर्णिमा की रात में खीर को खुले आसमान के नीचे रखने और अगले दिन खाने का विधान तय किया था।
- आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए दशहरे से शरद पूर्णिमा तक हर रोज रात में 15 से 20 मिनट तक चंद्रमा को देखकर त्राटक (टकटकी लगाकर देखना) करें।
- इसी रात को जड़ी-बूटियों में दिव्य शक्ति जाग्रत होती हैं। उनमें रस भर आता है, जो बड़े गंभीर रोगों को आसानी से दूर कर देती हैं।
Created On :   3 Oct 2017 3:58 AM GMT
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