ऑपरेशन सागर बंधु एनडीआरएफ ने श्रीलंका में वरिष्ठ नागरिक, घायल महिला को बचाया; मौत का आंकड़ा 465 पहुंचा

ऑपरेशन सागर बंधु एनडीआरएफ ने श्रीलंका में वरिष्ठ नागरिक, घायल महिला को बचाया; मौत का आंकड़ा 465 पहुंचा
चक्रवात दितवाह के कारण आई भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के बीच भारत द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन सागर बंधु के तहत एनडीआरएफ ने श्रीलंका में राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। सोमवार को एनडीआरएफ टीम ने सेदावट्टा और नाडीगामा में एक दृष्टिबाधित वरिष्ठ नागरिक और एक घायल महिला को सुरक्षित निकालकर मौके पर ही चिकित्सीय सहायता प्रदान की।

कोलंबो, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। चक्रवात दितवाह के कारण आई भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के बीच भारत द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन सागर बंधु के तहत एनडीआरएफ ने श्रीलंका में राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। सोमवार को एनडीआरएफ टीम ने सेदावट्टा और नाडीगामा में एक दृष्टिबाधित वरिष्ठ नागरिक और एक घायल महिला को सुरक्षित निकालकर मौके पर ही चिकित्सीय सहायता प्रदान की।

भारतीय उच्चायोग ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए बताया, “ऑपरेशन सागर बंधु के तहत एनडीआरएफ टीम जीवनरक्षक कार्यों को जारी रखे हुए है। एक दृष्टिबाधित वरिष्ठ नागरिक और एक घायल महिला को सुरक्षित निकाला गया और स्थल पर ही इलाज मुहैया कराया गया।”

भारत ने 28 नवंबर को चक्रवात दित्वाह से श्रीलंका में उत्पन्न भीषण बाढ़, जनहानि और व्यापक तबाही के बाद तत्काल खोज एवं बचाव तथा मानवीय सहायता और आपदा राहत समर्थन के लिए ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया।

ऑपरेशन के तहत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि ने श्रीलंका पहुंचकर फौरी राहत सामग्री उपलब्ध कराई। दोनों युद्धपोतों से तैनात हेलीकॉप्टरों ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और खोज एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई।

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने बताया, “चक्रवात दितवाह के बाद आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि ने राहत सामग्री तुरंत उपलब्ध कराकर हजारों लोगों की सहायता की। हेलीकॉप्टरों ने हवाई खोज एवं बचाव कार्यों से कई लोगों की जान बचाई।”

उन्होंने यह भी बताया कि आईएनएस सु‍कन्‍या 1 दिसंबर को त्रिंकोमाली पहुंचा और वहां गंभीर आपात राहत सामग्री श्रीलंकाई प्रशासन को सौंपी गई। प्रवक्ता के अनुसार, यह पहल हिंद महासागर क्षेत्र में “फर्स्ट रिस्पॉन्डर” के रूप में भारतीय नौसेना की भूमिका, भारत की “महासागर दृष्टि” तथा नेबरहुड फर्स्ट नीति को और मजबूत करती है।

उधर, श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह की तबाही का दायरा लगातार बढ़ रहा है। डेली मिरर ने डिज़ास्टर मैनेजमेंट सेंटर के हवाले से बताया कि हादसों में मृतकों की संख्या बढ़कर 465 हो गई है।

सबसे अधिक 118 मौतें कंडी जिले में दर्ज की गई हैं। अब भी 366 लोग लापता हैं, जिनमें बड़ी संख्या मताले जिले से है। एकीकृत रूप से 1.5 मिलियन से अधिक लोग चक्रवात और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं तथा 61,000 से अधिक परिवारों के 2.32 लाख लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।

श्रीलंकाई सरकार ने भारी तबाही के बाद 22 जिलों को राष्ट्रीय आपदा क्षेत्र घोषित करते हुए विशेष राजपत्र जारी किया है।

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Created On :   3 Dec 2025 5:08 PM IST

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