कोलकाता एयरपोर्ट की सेकेंडरी रनवे में मस्जिद की रुकावट, राज्यसभा में भाजपा ने उठाया मुद्दा
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा में भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने कोलकाता एयरपोर्ट की सुरक्षा और रनवे संचालन को लेकर महत्वपूर्ण सवाल उठाया। इसकी जानकारी देते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि ममता बनर्जी की तुष्टीकरण की पॉलिटिक्स के लिए पैसेंजर की सुरक्षा को कुर्बान नहीं किया जा सकता। अब सच सामने आ गया है।
सांसद समिक भट्टाचार्य ने राज्यसभा में कहा कि एयरपोर्ट के ऑपरेशनल क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद सेकेंडरी रनवे के उपयोग में बाधा डाल रही है, जिससे रनवे का उत्तरी हिस्सा 88 मीटर पीछे करना पड़ा और आपातकालीन संचालन सीमित हो गया।
भट्टाचार्य ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा किसी राजनीतिक तुष्टिकरण के लिए खतरे में नहीं डाली जा सकती और उन्होंने सवाल किया कि मस्जिद हटाने या स्थानांतरित करने में देरी क्यों हो रही है?
सांसद के सवाल पर नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि कोलकाता एयरपोर्ट में दो समानांतर रनवे हैं, जिनमें प्राथमिक रनवे (19एल-01ऐआर) और सेकेंडरी रनवे (19आर-01एल) शामिल हैं।
प्राथमिक रनवे रोजमर्रा के संचालन के लिए है। सेकेंडरी रनवे का उपयोग तब होता है, जब प्राथमिक रनवे में रखरखाव या अन्य अस्थायी व्यवधान हो।
मंत्री ने कहा कि सेकेंडरी रनवे के अप्रोच एरिया में मस्जिद स्थित होने के कारण रनवे का उत्तर दिशा वाला थ्रेशोल्ड 88 मीटर पीछे शिफ्ट करना पड़ा है। यह स्थिति रनवे के आपातकालीन उपयोग को सीमित कर रही है।
भट्टाचार्य ने यह भी पूछा कि पुराने टर्मिनल भवनों का ध्वस्तीकरण और नए एकीकृत टर्मिनल भवन का निर्माण क्यों देरी का शिकार है?
मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने इस विषय को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) के पास भेजा है ताकि पुराने टर्मिनल भवनों के ध्वस्तीकरण के लिए आवश्यक अनुमोदन मिल सके। ध्वस्तीकरण और नए टर्मिनल के निर्माण की समयसीमा इन अनुमोदनों पर निर्भर है।
मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि एयरपोर्ट संचालन में किसी भी तरह का सुरक्षा समझौता नहीं किया जा सकता। सेकेंडरी रनवे में मस्जिद के कारण रनवे का आपातकालीन उपयोग प्रभावित हो रहा है और इसे जल्द ही तकनीकी और सुरक्षा मानकों के अनुरूप हल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
भट्टाचार्य ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ तकनीकी नहीं बल्कि राजनीतिक तुष्टिकरण के चलते यात्रियों की सुरक्षा पर असर डालने वाला मामला भी है।
कोलकाता एयरपोर्ट देश के प्रमुख हवाई अड्डों में से एक है, और लाखों यात्रियों के लिए सुरक्षित संचालन आवश्यक है।
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Created On :   3 Dec 2025 5:10 PM IST











