राष्ट्रीय: कर्नाटक अपमानजनक पोस्ट विवाद में एसआई के निलंबन की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने डीसी कार्यालय को घेरा

कर्नाटक  अपमानजनक पोस्ट विवाद में एसआई के निलंबन की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने डीसी कार्यालय को घेरा
कर्नाटक के रामानगर जिले में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने सोमवार की देर रात उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया और रातभर विरोध प्रदर्शन करते रहने की घोषणा की। उन्‍होंने पुलिस उप-निरीक्षक (एसआई) तनवीर हुसैन को निलंबित करने की मांग की।

रामानगर (कर्नाटक), 20 फरवरी (आईएएनएस)। कर्नाटक के रामानगर जिले में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने सोमवार की देर रात उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया और रातभर विरोध प्रदर्शन करते रहने की घोषणा की। उन्‍होंने पुलिस उप-निरीक्षक (एसआई) तनवीर हुसैन को निलंबित करने की मांग की।

यह विरोध एक वकील और एसडीपीआई कार्यकर्ता द्वारा वाराणसी के जज के बारेे में अपमानजनक पोस्ट करने की घटना के संबंध में हुसैन द्वारा 40 वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के जवाब में है।

अधिवक्ताओं ने इमारत के दोनों प्रवेशद्वारों को अवरुद्ध करते हुए सोमवार देर शाम से रामनगर के डीसी अविनाश मेनन राजेंद्रन को कार्यालय छोड़ने से भी रोक दिया।

विरोध अभी भी जारी है और आंदोलनकारी अधिवक्ताओं ने कहा है कि जब तक एसआई को निलंबित नहीं किया जाता, तब तक वे वहां से नहीं हटेंगे।

जद (एस) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी और नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने घटनास्थल का दौरा किया और विरोध को अपना समर्थन दिया।

कुमारस्वामी ने कहा कि वह इस मामले को विधानसभा सत्र में उठाएंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "मैंने इस तरह की घटनाओं का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए नहीं किया है। मैं यहां पुलिसकर्मियों की तैनाती देखकर हैरान हूं। फेसबुक पोस्ट एक मुस्लिम द्वारा किया गया था, शिकायतकर्ता भी एक मुस्लिम है और स्थानीय विधायक भी एक मुस्लिम हैं। 'रामनगर के लोगों ने ऐसी घटना कभी नहीं देखी है।''

आर. अशोक ने घटनास्थल का दौरा करने और विरोध कर रहे अधिवक्ताओं से बात करने के बाद कहा कि स्थानीय पुलिस अपराधी का समर्थन कर रही है।

उन्‍होंने कहा, "जब से कांग्रेस राज्य में सत्ता में आई है, इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं।"

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "आईएएस अधिकारियों में से एक धार्मिक कट्टरपंथी है, उसका दावा है कि वह जो भी करता है, वह हमेशा सही होता है। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच मतभेद है, और यह उसी दरार का परिणाम है। आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।"

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में फैसला सुनाने वाले वाराणसी के न्यायाधीश के खिलाफ एसडीपीआई कार्यकर्ता और वकील चांद पाशा की एक अपमानजनक पोस्ट ने पिछले मंगलवार को कर्नाटक में सांप्रदायिक रूप ले लिया था।

घटनाक्रम के बाद पुलिस ने 40 अधिवक्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जिससे रामनगर जिले में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।

वकील एसआई के निलंबन की मांग कर रहे हैं और राज्य पुलिस को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर निलंबन आदेश जारी नहीं किया गया तो राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।

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Created On :   20 Feb 2024 2:37 PM IST

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