पर्यावरण: एनसीआर और उत्तर प्रदेश में बारिश के आसार, 58 जिलों के लिए अलर्ट जारी

एनसीआर और उत्तर प्रदेश में बारिश के आसार, 58 जिलों के लिए अलर्ट जारी
उत्तर भारत में गर्मी से राहत देने वाली बारिश का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। पिछले कुछ दिनों से एनसीआर सहित पूरे उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार से ही दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई गई है।

नोएडा, 5 मई (आईएएनएस)। उत्तर भारत में गर्मी से राहत देने वाली बारिश का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। पिछले कुछ दिनों से एनसीआर सहित पूरे उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार से ही दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई गई है।

दिल्ली, उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा गाजियाबाद और हरियाणा के गुड़गांव तथा फरीदाबाद जैसे क्षेत्रों में बारिश के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 58 जिलों के लिए भी बारिश और ओलावृष्टि का येलो अलर्ट जारी किया है।

दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को सुबह से ही धूप-छांव का खेल चलता रहा। दोपहर बाद पूरी तरह बादल छा गए और उमस बढ़ गई जिससे बारिश की संभावना ज्यादा हो गई है।

रविवार को प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई थी। वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़ और बलिया समेत 10 से अधिक जिलों में शाम के समय तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। वहीं, पीलीभीत में 50 ग्राम तक के ओले गिरे, जिससे कई वाहनों को नुकसान पहुंचा। ओलों की मार से कारों के शीशे तक टूट गए।

रविवार को जहां एक ओर उत्तर प्रदेश का झांसी 41 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे गर्म शहर रहा, वहीं मुजफ्फरनगर का न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश के चलते अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट देखी गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में यह बदलाव देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी से आ रही नमीयुक्त हवाओं के प्रभाव से प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि आगामी दो दिनों तक बारिश और आंधी-तूफान का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। इस दौरान लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मौसम परिवर्तन कृषि के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन ओलावृष्टि से खड़ी फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका भी बनी हुई है। प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

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Created On :   5 May 2025 6:04 PM IST

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