राजनीति: भाजपा का डीएनए जातीय जनगणना से विपरीत रणदीप सुरजेवाला

भाजपा का डीएनए जातीय जनगणना से विपरीत रणदीप सुरजेवाला
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा के लिए जातीय जनगणना वोट की राजनीति है, जबकि कांग्रेस के लिए सामाजिक बदलाव है। भाजपा का डीएनए जातीय जनगणना के विपरीत है।

पटना, 5 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा के लिए जातीय जनगणना वोट की राजनीति है, जबकि कांग्रेस के लिए सामाजिक बदलाव है। भाजपा का डीएनए जातीय जनगणना के विपरीत है।

उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना वक्त की मांग है। पटना में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सामाजिक न्याय और जातीय जनगणना एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जातीय जनगणना के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि आरएसएस शुरू से ही जातीय जनगणना विरोधी है। 19 मई 2011 को कांग्रेस-यूपीए सरकार ने फैसला कर जातीय जनगणना करवानी शुरू कर दी, जिसे ‘सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना 2011’ का नाम दिया। तीन जुलाई, 2015 को यह रिपोर्ट मोदी सरकार को सौंप दी गई, लेकिन सच यह है कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार ने जातीय जनगणना रिपोर्ट 2011 को जानबूझकर कूड़ेदान में डाल दिया।

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह वही भाजपा है, जो जातीय जनगणना मानने वाले को अर्बन नक्सल करार देती थी। उन्होंने कहा कि 11 साल से राहुल गांधी जातीय जनगणना को अपने जीवन का मिशन बनाकर इस लड़ाई को लड़ रहे हैं।

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा और आरएसएस दोनों पहले दिन से जातीय जनगणना के विरोधी हैं, क्योंकि उनके डीएनए में दलित, आदिवासी, पिछड़ा, शोषित और गरीब विरोध है। सार्वजनिक तौर पर, अदालत में जातिगत जनगणना का विरोध किया। जब कुछ नहीं बचा, तो लाचार होकर उन्हें गरीबों, दलितों, वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, आदिवासियों के आगे झुकना पड़ा।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा ने वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट से लेकर सड़क तक, गरीबों, दलितों, वंचितों, शोषितों और पिछड़ों को उनकी गिनती के अधिकार से वंचित किया। 'जितनी आबादी उतना हक' और 'जितनी आबादी उतनी हिस्सेदारी' जरूरी है। कांग्रेस की सामाजिक न्याय की सोच के केंद्र बिंदु में सदैव जातीय जनगणना का भाव रहा है। आज यह राहुल गांधी का संघर्ष है, जिसके कारण जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार को झुकना पड़ा।

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Created On :   5 May 2025 6:52 PM IST

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