व्यापार: महाराष्ट्र में कांग्रेस के एसएमएस अभियान को खारिज करने में रेगुलेटर की नहीं कोई भूमिका ट्राई

महाराष्ट्र में कांग्रेस के एसएमएस अभियान को खारिज करने में रेगुलेटर की नहीं कोई भूमिका  ट्राई
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोमवार को उन खबरों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि ट्राई ने महाराष्ट्र में 2024 के चुनावों से जुड़े एक अभियान के संबंध में उनके कार्यकर्ताओं को एसएमएस मैसेज भेजने के कांग्रेस के आवेदन को खारिज कर दिया है।

नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोमवार को उन खबरों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि ट्राई ने महाराष्ट्र में 2024 के चुनावों से जुड़े एक अभियान के संबंध में उनके कार्यकर्ताओं को एसएमएस मैसेज भेजने के कांग्रेस के आवेदन को खारिज कर दिया है।

ट्राई ने स्पष्ट किया कि इंडिविजुअल एसएमएस अभियानों को मंजूरी देने या खारिज करने में नियामक की कोई भूमिका नहीं है।

रेगुलेटर ने कहा कि इस तरह की मंजूरी टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रीफरेंस रेगुलेशंस 2018 के तहत दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा दी जाती है।

ट्राई ने एक बयान में कहा, ट्राई ने कुछ मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान दिया है, जिनमें आरोप लगाया गया है कि ट्राई ने महाराष्ट्र में एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं को पार्टी के एक अभियान के संबंध में एसएमएस भेजने के आवेदन को खारिज कर दिया है।

ट्राई ऐसे इंडिविजुअल एसएमएस अभियानों को स्वीकार करने या खारिज करने में अपनी किसी भी भूमिका से स्पष्ट रूप से इनकार करता है।

बयान में आगे कहा गया कि ट्राई को किसी राजनीतिक दल के महाराष्ट्र कैडर को एसएमएस भेजने के लिए कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ। ट्राई इंडिविजुअल एसएमएस टेम्प्लेट को मंजूरी नहीं देता।”

रेगुलेटर ने आगे कहा कि रिजेक्शन ट्राई द्वारा नहीं, बल्कि सेवा प्रदाता द्वारा किया गया था और ट्राई दोहराता है कि मीडिया में रिपोर्ट की गई विशिष्ट घटना में उसकी किसी तरह की कोई भूमिका नहीं है।

इससे पहले, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि ट्राई ने एक डॉक्यूमेंट्री के बारे में एसएमएस अपडेट भेजने के उसके आवेदन को अस्वीकार कर दिया था।

पार्टी ने स्क्रीनशॉट भी शेयर किए थे, जिनसे पता चलता है कि संदेशों को प्रोटेस्ट कंटेंट के रूप में ब्लॉक किया गया था।

कांग्रेस नेताओं ने अस्वीकृति पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और सरकार पर सेंसरशिप का आरोप लगाया।

नेता मणिकम टैगोर ने आगे बढ़कर दावा किया कि ट्राई भाजपा के आईटी सेल की तरह काम कर रहा है, जबकि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयोग पर संबंधित मामलों में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने का आरोप लगाया।

ट्राई के स्पष्टीकरण से यह स्पष्ट होता है कि यह रिजेक्शन सेवा प्रदाताओं में से एक, एसटीपीएल की ओर से आई थी।

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Created On :   8 Sept 2025 5:00 PM IST

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