पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों की गिरफ्तारी में इजाफा, यूएनएचआरसी ने जारी किए चौंकाने वाले आंकड़े

पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों की गिरफ्तारी में इजाफा, यूएनएचआरसी ने जारी किए चौंकाने वाले आंकड़े
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जारी तनाव के बीच अफगान शरणार्थियों की गिरफ्तारी में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने बड़ा खुलासा किया है। यूएनएचआरसी के अनुसार पाकिस्तान ने 2025 में रिकॉर्ड संख्या में अफगान शरणार्थियों को हिरासत में लिया है।

इस्लामाबाद, 16 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जारी तनाव के बीच अफगान शरणार्थियों की गिरफ्तारी में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने बड़ा खुलासा किया है। यूएनएचआरसी के अनुसार पाकिस्तान ने 2025 में रिकॉर्ड संख्या में अफगान शरणार्थियों को हिरासत में लिया है।

अफगानिस्तानी न्यूज एजेंसी ने यूएनएचआरसी की नई रिपोर्ट के हवाले से बताया कि ज्यादातर गिरफ्तारियां बलूचिस्तान के चगाई और क्वेटा जिलों और पंजाब के अटक जिलों से की गई हैं।

अफगानी न्यूज एजेंसी के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों ने 1 जनवरी से नवंबर 2025 के बीच तक 1,00,971 अफगानों को गिरफ्तार किया। वहीं 2024 में लगभग 9,000 और 2023 में 26,000 गिफ्तारी हुई थी। ऐसे में इस साल हुई गिरफ्तारी का आंकड़ा अबतक का सबसे ज्यादा है।

यूएनएचआरसी ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों में से 76 प्रतिशत अफगान नागरिक कार्ड धारक या बिना दस्तावेज वाले प्रवासी थे। वहीं बाकी के 24 फीसदी लोगों के पास पंजीकरण प्रमाण पत्र थे।

दोनों देशों के बीच सीमा पर चल रहे विवाद के बाद से अफगान शरणार्थियों की गिरफ्तारी में वृद्धि हुई है। पाकिस्तान सरकार ने 2025 में दो आदेश दिए। एक आदेश में कहा गया कि इस्लामाबाद और रावलपिंडी से अफगान प्रवासियों को हटाया जाए और दूसरे आदेश में पुलिस को पीओआर-कार्ड धारकों को गिरफ्तार करने की अनुमति दी गई थी।

इसके अलावा, यूएनएचआरसी ने पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों के लिए नकद सहायता में भी कमी देखी है। इसका एक कारण फंडिंग से मिलने वाली धनराशि में लगातार कमी आ रही है।

सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि इस कटौती से उन हजारों अफगान परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं जो खाने, मकान के किराए और सर्दियों की जरूरतों के लिए सहायता पर निर्भर हैं।

कई मानवीय संगठनों ने पाकिस्तान से आग्रह किया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि सभी वापसी स्वैच्छिक और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप हो। उन्होंने चेतावनी दी है कि बड़े पैमाने पर निष्कासन से अफगानिस्तान सीमा पर अस्थिरता पैदा होती है।

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Created On :   16 Nov 2025 3:15 PM IST

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