मानसून सत्र: 240 सांसदों वाली भाजपा संविधान बदल रही है- टीएमसी, कहा विपक्ष की भविष्यवाणियां सच साबित हुई

- जनता का ध्यान हटाने की कोशिश- गौरव गोगोई
- विपक्षी सीएम को हटाने का एक और तरीका- रामगोपाल यादव
- 240 सासंदों वाली बीजेपी संविधान बदल रही है- टीएमसी
- नया विधेयक संघीय ढांचे और न्यायपालिका पर हमला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विपक्षी इंडिया ब्लॉक के नेता आज सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले विधेयकों पर रणनीति पर चर्चा करने के लिए सुबह 10 बजे संसद भवन स्थित राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय में बैठक हुई। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सदन में पेश करने वाले विधेयक पर चर्चा हुई।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने विधेयक की खिलाफ में कहा कि विपक्ष की भविष्यवाणियां सच साबित हुईं। सिर्फ 240 सांसदों वाली बीजेपी संविधान बदल रही है। नया विधेयक संघीय ढांचे और न्यायपालिका, दोनों को दरकिनार करता है। केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करके निर्वाचित विपक्षी मुख्यमंत्री को फर्जी आरोपों में अरेस्ट कर सकती है और कोर्ट दोषी साबित हुए बिना उन्हें बर्खास्त कर सकती है।
समाजवादी पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने कहा अगर किसी पर कोई आरोप न भी हो, तो भी इस सरकार में किसी के खिलाफ सीरियस चार्ज लगाया जा सकता है और लगाया भी जा रहा है। झूठे और सीरीयस चार्ज में लोगों को जेल में बंद किया जा रहा है। जिन राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री या मंत्री नहीं है, उनको हटाने के लिए यह सरकार एक दूसरा तरीका ला रही है। जो लोग बिल ला रहे हैं वो समझ नहीं रहे हैं कि जिस दिन जाएंगे, तो दोबारा कभी लौटकर नहीं आएंगे।
आपको बता दें इस विधेयक के पास होने के बाद अगर कोई मंत्री 30 दिन तक हिरासत में रहता हैं, तो 31वें दिन पद से हटा हुआ मान लिया जाएगा। विपक्षी दल इसे संविधान पर हमला बोल रहे है। इस बिल के आने से क्षेत्रीय दल जो कभी कभी राज्य की सत्ता में बमुश्किल आ पाते है, उनके लिए खतरा बन सकता है। केंद्र सरकार राज्य सरकारों के प्रति इस का मिसयूज कर सकती है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस विधेयक को लेकर कहा कि गृह मंत्री अमित शाह का यह विधेयक राहुल गांधी की धमाकेदार वोट अधिकार यात्रा से जनता का ध्यान हटाने की एक हताश कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है. पहले सीएसडीएस-भाजपा आईटी सेल का ड्रामा और अब ये विधेयक,लेकिन बिहार में साफ तौर पर बदलाव की बयार बह रही है।
केंद्र की मोदी सरकार आज लोकसभा में ऐसा विधेयक पेश करने जा रही है, जिसके तहत यदि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या फिर मंत्री गिरफ्तार होते है या फिर 30 दिन तक गंभीर आपराधिक आरोपों में हिरासत में रहते हैं तो उन्हें स्वतः पद से हटाया जाएगा। इस विधेयक पर विपक्ष ने इसे ध्यान भटकाने और विपक्षी सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश बताया।
Created On :   20 Aug 2025 11:42 AM IST