Mumbai Train Blast Case: 'कई निर्दोष लोग भी फंसे..', मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले में डिप्टी सीएम अजित पवार का बड़ा बयान

- मुंबई ट्रेन सीरियल ब्लास्ट मामले में हाईकोर्ट ने 12 लोगों को किया बरी
- महाराष्ट्र सरकार ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
- अजीत पवार ने मामले पर दी प्रतिक्रिया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। साल 2006 के मुंबई में सीरियल ट्रेन ब्लास्ट केस में 12 आरोपियों को बरी किए जाने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बम ब्लास्ट मामले में जिसका कोई लेना देना नहीं था, ऐसे लोग भी फंसे हैं। फैसला देने का अधिकार कोर्ट का है। हम उस पर कुछ नहीं कहना चाहते। लेकिन हमारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, 'हमारे मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हम सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे और वहां न्याय मांगने की कोशिश करेंगे। कोर्ट के अधिकार के बारे में मैं ज्यादा कुछ कहना नहीं चाहता। अच्छे और टॉप के लॉयर हम वहां (सुप्रीम कोर्ट) देंगे. हाई कोर्ट में क्या कमियां रह गईं, वह ढूंढने की कोशिश करेंगे।'
हम किसी को सपोर्ट..
अजित पवार ने कहा, 'हम यह कहना चाहते हैं कि किसी पर अन्याय भी नहीं होना चाहिए, लेकिन जो दोषी है उन्हें सजा भी मिलनी चाहिए। हम किसी के खिलाफ बिल्कुल नहीं हैं और हमें खिलाफ रहने की जरूरत भी नहीं है। लेकिन हम किसी को सपोर्ट भी करने वाले नहीं हैं।'
बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने 21 जुलाई को मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले में फैसला सुनाते हुए 12 लोगों को निर्दोष करार दिया था। 11 जुलाई 2006 की शाम को मुंबई की लोकल ट्रेन में सात अलग-अलग जगहों पर ब्लास्ट हुए थे, जिसमें 189 लोगों की मौत हुई थी। इसी साल नवंबर में चार्टशीट दाखिल हुई। साल 2015 में ट्रायल कोर्ट ने 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था।
भाषा विवाद पर पवार ने कही ये बात
अजित पवार ने मराठी हिंदी भाषा विवाद पर कहा, 'हर एक को अपने मातृभाषा के बारे में आदर होना चाहिए, मराठी को क्लासिकल भाषा का दर्जा मिला हुआ है। यहां रहने वाले को अगर मराठी भाषा नहीं आती है तो उन्हें यह कहना चाहिए कि हम महाराष्ट्र में रहते हैं लेकिन हमें इतनी अच्छी तरह मराठी नहीं आती। उन्हें कहना चाहिए कि हम मराठी का आदर करते हैं। हम मराठी सीखने की जरूर कोशिश करेंगे। इतना भी अगर कह दे तो कुछ गड़बड़ नहीं होगी।'
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन कभी-कभी कुछ लोग ऐसे रिएक्ट करते हैं कि मैं नहीं बोलने वाला। ऐसा नहीं होता है। आप जहां काम करते हैं, वहां के लोगों का क्या कहना है, उनका विचार क्या है, उसके बारे में भी सोचना चाहिए। खुशी-खुशी सभी को एक दूसरे के साथ रहना चाहिए।''
Created On :   25 July 2025 12:44 AM IST