- बंगालः कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में पीएम मोदी की रैली आज
- अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन इस महीने के अंत में भारत का दौरा करेंगे: सूत्र
- UP: कोविड -19 को लेकर सीएम आवास पर आज समीक्षा बैठक करेंगे मुख्यमंत्री योगी
- कोरोना: पिछले 24 घंटे में देश में 18711 नए मामले, 100 लोगों की मौत- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
- पाकिस्तान के मुल्तान में हिंदू परिवार के पांच सदस्यों की हत्या
Bihar Election 2020: महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का एलान, राजद 144 और कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ेगी, वीआईपी नेता बोले-खंजर घोंपा गया

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विपक्षी महागठबंधन ने शनिवार को 243 सीटों का बंटवारा कर लिया है। इसके तहत आरजेडी 144 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि लेफ्ट पार्टियां 29 सीटों पर लड़ेंगी। बता दें कि राजद अब तक 150 से ज्यादा सीटों पर लड़ने का दावा कर रही थी। महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में सीपीएम-4, सीपीआई-6, सीपीआई (माले)- 19, कांग्रेस-70 और RJD-144 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन, सीटों के ऐलान के साथ ही गठबंधन में दरार पड़ गई। फॉर्मूले से नाखुश वीआईपी के नेता मुकेश सहनी ने कहा कि हमारी पीठ पर छुरा घोंपा गया। उन्होंने कहा कि हम गठबंधन से बाहर हो रहे हैं।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने महागठबंधन को एक मजबूत विकल्प बताते हुए कहा कि हम लोगों ने साथ आकर एक मजबूत विकल्प रखा है। हम कांग्रेस और वामपंथी दलों के वरिष्ठ नेताओं के प्रति आभार जताते हैं। उन्होंने बिहार के लोगों से वादा करते हुए कहा, अगर यहां के लोग मौका देंगे तो हम सभी वादे पूरा करेंगे। बिहार को तरक्की के रास्ते पर ले जाएंगे। तेजस्वी ने कहा कि राजद के हिस्से में 144 सीटें आई हैं। उन्होंने बताया कि वीआईपी और झामुमो के नेताओं से बात हो रही है, राजद के हिस्से की सीट से उन्हें सीट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 70 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा, वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र के लिए होने वाले उपचुनाव में भी महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाएगा। उन्होंने बताया कि भाकपा (माले) के हिस्से में 19 सीटें आई हैं, जबकि माकपा को 4 और भाकपा को 6 सीटें दी गई हैं। इस संवाददाता सम्मेलन में राजद के तेजस्वी यादव, सांसद मनोज झा, तेजप्रताप यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अविनाश पांडेय, सदानंद सिंह, वीआईपी के मुकेश सहनी और वामपंथी दलों के कई नेता मौजूद रहे।
ये है महागठबंधन की सीटों का फॉर्मूला
राजद:144, मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी और जेएमएम को भी राजद अपने हिस्से की सीट देगा
कांग्रेस: 70, बाई इलेक्शन लोकसभा वाल्मीकिनगर
सीपीआई माले: 19
सीपीआई: 6
सीपीएम: 4
कुल सीटें: 243
प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान वीआईपी का हंगामा
तेजस्वी के सीट बंटवारे की घोषणा करते ही वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी के समर्थक तेजस्वी मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। सहनी ने प्रेस कॉफ्रेंस में ही कहा कि हम 25 सीट और उप-मुख्यमंत्री का पद दिए जाने की मांग के साथ गठबंधन में शामिल हुए थे, लेकिन हमारी पीठ में छुरा भोंका गया है। इसके बाद सहनी वहां से उठकर चले गए। इस दौरान सहनी के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। उल्लखनीय है कि इससे पहले राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) भी महागठबंधन के घटक दलों में शामिल थे, लेकिन अब वे महागठबंधन छोड़ चुके हैं।
हम चाहते हैं कि तेजस्वी यादव बिहार का नेतृत्व करें- अविनाश पांडे
वहीं, कांग्रेस नेता अविनाश पांडे ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए यूपीए के सभी घटकों ने गठबंधन के रूप में एक साथ आने का फैसला किया है। राजद के नेतृत्व में कांग्रेस, राजद, सीपीआई, सीपीएम और विकासशील इंसान पार्टी इस गठबंधन का हिस्सा होंगे। हम चाहते हैं कि तेजस्वी यादव बिहार का नेतृत्व करें।
अभी हमारे साथ जो हो रहा है वह कहीं न कहीं पीठ में छुरा घोंपने वाला है- मुकेश साहनी
विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश साहनी ने कहा, अभी हमारे साथ जो हो रहा है वह कहीं न कहीं पीठ में छुरा घोंपने वाला है। मैं इस गठबंधन से बाहर जा रहा हूं और कल मीडिया को संबोधित करूंगा।
एनडीए में सीटों की माथापच्ची अभी भी कायम
एनडीए में सीटों की माथापच्ची अभी भी कायम है। इसको लेकर लोजपा क अध्यक्ष चिराग पासवान ने शनिवार को पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी। मगर केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के अस्वस्थ होने के कारण बैठक को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया है। चिराग पासवान अस्पताल के लिए रवाना हुए हैं।
राज्य में तीन चरणों में मतदान होंगे
बता दें 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए राज्य में तीन चरणों में मतदान होंगे। पहले चरण की वोटिंग 28 अक्तूबर, दूसरे चरण की वोटिंग तीन नवंबर और तीसरे चरण के लिए सात नवंबर को मतदान होंगे। वहीं, 10 नवंबर को मतगणना होगी। कोरोना महामारी के मद्देनजर राज्य में चुनाव के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।