Bihar Assembly Elections 2025: राहुल गांधी के ट्रक पर आखिर कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को क्यों नही चढ़ने दिया! ये वजह आई सामने

- आखिर पप्पू यादव को क्यो नहीं चढ़ने दिया ट्रक पर
- ये वजह हो सकती है कन्हैया कुमार को ट्रक से उतारने की
- इस मामले पर इन पार्टियों ने दी प्रतिक्रिया
डिजिटल डेस्क, पटना। इंडिया महागठबंधन ने बीते बुधवार (जुलाई 9) को वोटर लिस्ट गहन पुरनीक्षण और मतदाता सत्यापन को लेकर बिहार बंद का आह्वान किया था। इस बीच सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पटना पहुंचे थे। उनके पहुंचने के बाद ट्रक पर एक रैली की। जिस पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और सांसद पप्पू यादव को चढ़ने नहीं दिया था। जिसको बवाल मचा हुआ है और जन सुराज, शिवसेना (शिंदे गुट), जेडीयू के नेता अगल-अलग टिप्पणियां कर रहे हैं। इसकी एक वजह तेजस्वी यादव की पसंद नापसंद भी मानी जा रही है।
40 राजनीतिक दलों के गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और जन सुराज ने ट्रक पर न चढ़ने देने वाले नेताओं को लेकर बयान दिया है। जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है। वहीं, कन्हैया कुमार को लेकर कहा कि वह एक प्रभावशाली नेता है और हमेशा से आरजेडी नहीं चाहती की कांग्रेस में ऐसे प्रभावशाली नेता सक्रिय रहें। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में कन्हैया कुमार नेतृत्व कर सकते है, इसलिए आरजेडी को डर लगने लगा है। जिसके लिए कन्हैया को ट्रक से नीचे ऊतार दिया।
जनता दल (यूनाइटेड) जिसे जेडीयू भी कहा जाता है। उसके प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि राहुल गांधी पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को बहुत पसंद करते हैं, लेकिन इन दोनों नेताओं को तेजस्वी यादव पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में उनको ट्रक पर न चढ़ने पर कांग्रेस कुछ भी नहीं कर पाई और तेजस्वी यादव की ही चली।
आखिर पप्पू यादव को क्यो नहीं चढ़ने दिया ट्रक पर
जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के सुत्रधार राजेश रंजन (पप्पू यादव) 2024 के लोकसभा चुनाव के कुछ महीने पहले उन्होंने आरजेडी प्रमुख लालू यादव से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने (लालू) ने कहा कि अपनी (पप्पू यादव) पार्टी को आरजेडी में विलय करने और मधेपुरा सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन पप्पू यादव पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे।
इस मुलाकात के अगले दिन पप्पू यादव दिल्ली पहुंचे और अपनी पार्टी को कांग्रेस में विलय कर लिया और कांग्रेस ने पप्पू यादव को आश्वसन दिया था कि पूर्णिया सीट से ही चुनाव लड़ोगे, तब लालू ने जेडीयू की विधायक रही बीमा भारती को पार्टी (जेडीयू) में शामिल कर उसी सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया था।
भारती ने जब पूर्णिया से नामांकन दाखिल किया तो उसके बाद पप्पू यादव ने एक बार फिर से लालू यादव से मुलाकात की और टिकट की गुहार लगाई, लेकिन लालू नहीं माने और मजबूरन पप्पू यादव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे। जिसके बाद कांग्रेस ने उनको पार्टी से निकाल दिया। इस चुनाव में तेजस्वी यादव राजनीति में सक्रिय भूमिका में आए। जिसके बाद से लालू यादव और पप्पू यादव में सियासी रिश्ते बिगड़े हुए है।
ये वजह हो सकती है कन्हैया कुमार को ट्रक से उतारने की
कन्हैया कुमार की सियासत युवा के तौर पर है, लेकिन आरजेडी की कोशिश है कि तेजस्वी यादव को प्रमुख तौर से युवा सियासत स्थापित करने की है। उनकी इस कोशिश में कन्हैया कुमार एक चुनौती बन सकते हैं क्योंकि आरजेडी कथित तौर पर पसंद नहीं करती है। वहीं, कन्हैया कुमार की मुस्लिम समुदाय के बीच में अच्छे लोकप्रिया है, ये वजह भी हो सकती है।
Created On :   10 July 2025 6:07 PM IST