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मप्र में कोरोना का कहर: भोपाल में बिगड़ रहे हालात, सरकार का रवैया भी सख्त
हाईलाइट
- पहले इंदौर, अब राजधानी भोपाल में बिगड़ रहे हालात
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इंदौर के बाद अब राजधानी भोपाल में भी मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। यही कारण है कि सरकार भोपाल को लेकर ज्यादा ही गंभीर हो गई है। सरकार का रवैया भी सख्त हो चला है। मास्क न लगाने वाले मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों तक पर कार्रवाई की तैयारी है।
अब भोपाल में ज्यादा मरीज सामने आ रहे
राज्य में कोरोना संक्रमितों की स्थिति पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है, मरीजों का आंकड़ा 31 हजार के करीब पहुंच गया है। मरीजों की संख्या के मामले में इंदौर पहले नंबर पर है, जहां कुल मरीज 7216 हैं, वहीं भोपाल दूसरे नंबर पर है। यहां मरीजों की संख्या 6313 है। मगर बीते कुछ दिनों में इंदौर के मुकाबले भोपाल में ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं।
कोरोना को लेकर भोपाल में 10 दिन का लॉकडाउन है। यह 4 अगस्त तक जारी रहेगा, मगर फिर भी भोपाल में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। शुक्रवार को भोपाल में 208 केस सामने आए जिसके बाद यहां मरीजों की कुल संख्या 6313 हो गई है। इंदौर में 112 मरीजों का इजाफा हुआ है। गुरुवार को भोपाल में 233 मरीज तो इंदौर में 84 मरीज सामने आए। इसी तरह बुधवार को भेापाल में 199 और इंदौर में 74 मरीज सामने आए। मंगलवार को भेापाल में 170 और इंदौर में 73 मरीज मिले।
अब से लगभग एक माह अर्थात 30 जून की स्थिति पर गौर करें तो पता चलता है, भोपाल में कुल मरीज 2789 थे और इंदौर से कम मरीज सामने आ रहे थे, तब इंदौर में मरीजों की संख्या 4709 थी। अब भोपाल में कुल मरीज 6313 हैं तो इंदौर में 7328 हैं। इसके साथ ही जून में भोपाल का रिकवरी रेट भी अच्छा था, 30 जून को जहां 25 मरीज सामने आए थे वहीं 105 मरीज स्वस्थ होकर घरांे को गए थे। वहीं 30 जुलाई को 233 मरीज सामने आए और 190 स्वस्थ हेाकर घरों को गए।
सरकार का रवैया सख्त
भोपाल में मरीजों की बढ़ती संख्या पर पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चिंता जता चुके हैं और लगातार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क का उपयोग करने का आग्रह कर रहे हैं। अब सरकार का रवैया सख्त हो गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, कोई भी व्यक्ति चाहे वह मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो, जनप्रतिनिधि हों अथवा अधिकारी हो, यदि उन्होंने इसका पालन नहीं किया तो फिर कार्यवाही होगी। कोरोना को समाप्त करने के लिए सभी को इन सावधानियों को बरतना अनिवार्य है। उन्होंने मंत्रियो से कहा कि आगामी 14 अगस्त तक कोई सार्वजनिक दौरे नहीं करें, वीसी के माध्यम से बैठकें करें, वर्चुअल रैली करें, अपने आवास पर भी एक बार में पांच से अधिक व्यक्तियों से न मिलें।
भोपाल में एंटीजन टेस्ट भी शुरू
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बताया, भोपाल में एंटीजन टेस्ट भी प्रारंभ कर दिए गए हैं। इससे अब बड़ी संख्या में तथा जल्दी कोरोना टेस्ट हो सकेंगे। भोपाल में एक तरफ जहां निजी अस्पतालों को कोविड सेंटर में बदला जा रहा है, वहीं पेड क्वारेंटाइन व्यवस्था करते हुए होटल को क्वारंटाइन सेंटर मे बदला जा रहा है। कलेक्टर अविनाश लावनिया ने बताया कि भोपाल में कोरोना के इलाज एवं क्वॉरेंटाइन की नि:शुल्क शासकीय व्यवस्था के अलावा अब पेड व्यवस्था भी निजी क्षेत्र में प्रारंभ हो गई है।
रैलियों और आयोजनों पर रोक के साथ मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों पर मास्क न लगाने की कार्यवाही के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने तंज सकते हुए कहा है, सीएम साहिब आप ऐसी घोषणाएं क्यों करते है जो आप कभी पूरा नहीं कर सकते। क्या आप प्रदेश के गृह मंत्री नरेात्तम मिश्रा , जो कभी मास्क लगाए नहीं दिखे, उन पर कार्यवाही की कल्पना भी कर सकते हैं। कुछ समझदार लोग मास्क नहीं लगाना अपनी पहचान समझते है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।