- Dainik Bhaskar Hindi
- Politics
- Opposition to Agneepath; People got divided when the movement slowed down - Survey
नई दिल्ली: अग्निपथ का विरोध; आंदोलन धीमा हुआ तो लोग बंट गये- सर्वे

हाईलाइट
- हिंसक प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने बहुचर्चित अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना में भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है।
14 जून को घोषित होने के बाद से देश में सैन्य भर्ती योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। टीवी स्क्रीन और समाचार पत्रों में हिंसक प्रदर्शनकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त गाड़ियों, पथराव और वाहनों को तोड़े जाने की तस्वीरों की बाढ़ आ गई।
हिंसक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई जगहों पर पुलिस को फायरिंग और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। जून के मध्य में जैसे ही हिंसक विरोध कई राज्यों में फैल गया, सत्तारूढ़ एनडीए-भाजपा सरकार और विपक्ष ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। जबकि विपक्ष ने केंद्र सरकार पर बिना किसी वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा के युवाओं को नौकरी की योजना देने का आरोप लगाया।
भाजपा ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने और युवाओं को योजना के खिलाफ भड़काने के लिए विपक्ष पर हमला बोला। हालांकि, विपक्ष के विरोध और आरोपों से बेपरवाह सरकार ने अग्निपथ योजना को लागू करने और भर्ती शुरू करने का फैसला किया है। योजना के तहत भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही इस योजना के खिलाफ विरोध लगभग गायब हो गया है।
सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने विरोध प्रदर्शनों के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस के लिए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया। सर्वे के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या वाकई विरोध प्रदर्शन धीमा हो गया है या मीडिया ने उन्हें दिखाना बंद कर दिया है, लोगों की राय बंटी हुई थी।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, जहां 53 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि सैन्य भर्ती के खिलाफ विरोध कम हो गया है, वहीं 47 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि विरोध अभी भी जारी है, हालांकि, मीडिया ने उन्हें दिखाना बंद कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि एनडीए के अधिकांश मतदाताओं, 65 प्रतिशत ने कहा कि आंदोलन कम हो गया है, इस मुद्दे पर विपक्षी समर्थकों के विचार विभाजित थे।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, जहां 55 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं का मानना है कि मीडिया ने प्रदर्शन दिखाना बंद कर दिया है, वहीं 45 प्रतिशत ने कहा कि वे घट गए हैं। सर्वे के दौरान इस मुद्दे पर शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के मतदाताओं की राय भी बंटी हुई थी।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक, 56 फीसदी शहरी मतदाताओं ने कहा कि आंदोलन कम हो गया है, उनमें से 44 फीसदी ने जोर देकर कहा कि विरोध अभी भी जारी है लेकिन मीडिया उन्हें रिपोर्ट नहीं कर रहा है। इसी तरह, जहां 52 प्रतिशत ग्रामीण उत्तरदाताओं ने कहा कि विरोध प्रदर्शन कम हुआ है, वहीं 48 प्रतिशत इस भावना से सहमत नहीं हैं और मानते हैं कि वास्तव में मीडिया ने उन्हें दिखाना बंद कर दिया है।
सॉर्स- आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
खबरें और भी हैं...
बिहार: जातीय गणना के लिए जदयू ने नीतीश को दिया धन्यवाद, निकाली आभार यात्रा
कर्नाटक: हिजाब विवाद ने कर्नाटक की छवि धूमिल की, मगर भाजपा को हुआ फायदा
गोवा सियासत: गोवा कांग्रेस ने एसआईटी जांच का स्वागत किया, जमीन हड़पने में शामिल मंत्री को बर्खास्त करने की मांग
कांग्रेस का हमला: आर्थिक मुद्दों के जरिये भाजपा के हिंदुत्व को टक्कर देने की कांग्रेस की योजना
पश्चिम बंगाल: भाजपा का नव-हिंदुत्व, कुछ के लिए भटकाव की रणनीति, अन्य के लिए प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता का परिणाम