शशि थरूर के बयान पर कांग्रेस ने किया पलटवार: 'कांग्रेस पार्टी उनके हालिया बयान से पूरी तरह...' पवन खेड़ा ने दी ये प्रतिक्रिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी की राजनीतिक विरासत को लेकर बयान दिया था। इसके बाद से कांग्रेस के भीतर एक नई बहस को छेड़ दिया है। उनके बयान का कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने स्पष्ट किया कि पार्टी उनके इस बयान से पूरी तरह दूर बनाती है। कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे प्रतिक्रिया में संकेत दिया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, इससे कांग्रेस से कोई लेना देना नहीं हैं।
कांग्रेस सांसद ने क्या दी थी ये प्रतिक्रिया
शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि आडवाणी के लंबे सार्वजनिक जीवन को केवल एक घटना से जोड़कर देखना अच्छी बात नहीं है। उन्होंने आगे कहा, "उनकी लंबी सेवा को एक ही घटना तक सीमित करना गलत है। जैसे नेहरूजी का करियर सिर्फ चीन युद्ध की हार से नहीं परिभाषित होता, और न ही इंदिरा गांधी का करियर सिर्फ आपातकाल से, वैसे ही आडवाणी जी को भी न्याय मिलना चाहिए।"
कांग्रेस प्रवक्ता ने थरूर की के बयान पर की ये टिप्पणी
पवन खेड़ा ने का कहना है कि शशि शरूर हमेशा से अपनी राय खुद देते हैं। और कांग्रेस उनके ताजा बयान से सहमित नहीं है। उन्होंने आगे कहा, "हमेशा की तरह डॉ. शशि थरूर अपनी व्यक्तिगत राय रखते हैं और कांग्रेस पार्टी उनके हालिया बयान से पूरी तरह असहमत है।" उनका आगे कहना है, "एक कांग्रेस सांसद और CWC सदस्य होने के बावजूद उनकी यह स्वतंत्रता ही कांग्रेस की विशिष्ट लोकतांत्रिक और उदार भावना को दर्शाती है।"
यह भी पढ़े -राहुल के 'वोट चोरी' वाले बयान को सपा का समर्थन, अवधेश प्रसाद बोले- इस मुद्दे पर महागठबंधन हमेशा एकजुट
थरूर ने आडवाणी को दी ऐसी बधाई
शशि शरूर ने बीजेपी नेता आडवाडी के 98वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्होंने कहा, "आदरणीय एलके आडवाणी जी को 98वें जन्मदिन की शुभकामनाएं! उनकी सार्वजनिक सेवा के प्रति निष्ठा, विनम्रता और सदाशयता तथा आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अमिट है। वे सच्चे राजनेता हैं जिनका जीवन प्रेरणादायक रहा है।"
थरूर के बयान पर सुप्रीम कोर्ट वकील ने कही ये बात
शशि शरूर के इस बयान का पलटवार करते हुए सुप्रीम कोर्ट वकील संजय हेगड़े ने कहा, "रथ यात्रा कोई एक घटना नहीं थी। यह भारतीय गणराज्य के मूल सिद्धांतों को उलटने की लंबी यात्रा थी। इसने 2002 और 2014 जैसी घटनाओं की नींव रखी। जैसे द्रौपदी के अपमान ने महाभारत को जन्म दिया, वैसे ही रथ यात्रा की हिंसक विरासत आज भी देश की दिशा को प्रभावित कर रही है। अपनी ‘शर-शैया’ से भी उन्होंने राजधर्म का उपदेश नहीं दिया।"
Created On :   9 Nov 2025 7:04 PM IST












