अब तक तीन बार चुनावी साल में सतपुड़ा भवन में लगी है आग, कांग्रेस ने कहा 'ये हादसा नहीं साजिश'

अब तक तीन बार चुनावी साल में सतपुड़ा भवन में लगी है आग, कांग्रेस ने कहा ये हादसा नहीं साजिश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते सोमवार को सतपुड़ा भवन में आग लग गई। आग भयावह थी। जिस पर काबू पाने में करीब 13 घंटे लग गए। यह आग सोमवार दोपहर 3.30 बजे शुरू हुई थी। भवन में मौजूद करीब 25 करोड़ के फर्नीचर और 20 हजार से ज्यादा कई अहम फाइलें भी आग में जलकर खाक हो गईं। सतपुड़ा भवन राज्य का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी दफ्तर है। इसमें तीसरी मंजिल पर आदिम जाति विभाग के बजट से जुड़ी हुई फाइलें, चौथी मंजिल पर परिवार कल्याण और मुख्यमंत्री से जुड़े हुए दस्तावेज और 6वीं मंजिल पर स्वास्थ्य विभाग का रिकॉर्ड रूम था, जिसमें तकरीबन 12 हजार से ज्यादा जरूरी फाइलें थीं। अब ये सभी फाइलें आग के चलते जलकर खाक हो चुकी है। 5 वीं मंजिल पर रिनोवेशन का काम चल रहा था। इस मंजिल पर 15 करोड़ रुपये का रिनोवेशन का कार्य जारी था। आग के चलते यह मंजिल भी पूरी तरह जलकर स्वाहा हो गई है।

एक अनुमान के मुताबिक, आग से राज्य निदेशालय के लगभग 80 फीसदी जरूरी डॉक्यूमेंट खाक हो गए हैं। इस भवन में करीब 1950 कर्मचारी काम करते हैं। आग लगने के समय भी भवन के अंदर एक हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे, लेकिन उन्हें समय रहते बाहर निकाल लिया गया। घटना से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। आग लगने के बाद जांच टीम को गठित कर दिया गया है। जांच भी जारी है। राज्य की विपक्षी पार्टी कांग्रेस बहुत सारे सवालों के साथ बीजेपी सरकार पर हमलावर है। उनका कहना है कि यह हादसा नहीं बल्कि साजिश है।

कांग्रेस ने उठाए सवाल

भवन पर लगी आग को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने उन्होंने ट्वीट किया कि प्रियंका गांधी जी ने जबलपुर में "विजय शंखनाद रैली" में घोटालों को लेकर हमला बोला तो सतपुड़ा भवन में भीषण आग लग गई। इसमें महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गई है। कहीं आग के बहाने घोटालों के दस्तावेज जलाने की साज़िश तो नहीं। यह आग मप्र में बदलाव के संकेत दे रही है।

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, "और मध्य प्रदेश में जलने लगी सरकारी फाइलें। चुनाव से पहले लगी यह आग बताती है कि BJP सरकार को अपने जाने की भनक लग गई है। भ्रष्टाचार की फाइलें जलने लगी हैं।" वहीं एमपी कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा कि, "शिवराज के दफ़्तर की आग बता रही है, बीजेपी सरकार मध्यप्रदेश से जा रही है।"

2018 में भी लगी थी आग

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि सतपुड़ा भवन में आग लगी हो। इससे पहले भी 14 दिसंबर 2018 को भी इस सरकारी दफ्तर में भीषण आग लगी थी। तब भी कई गोपनीय दस्तावेज जलकर खाक हो गए थे। उस समय प्रदेश में चुनाव हुए थे और कांग्रेस ने जीतकर सरकार बनाई थी। 17 दिसंबर को कांग्रेस की ओर से कमलनाथ मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले थे, लेकिन इससे तीन दिन पहले 14 दिसंबर 2018 को सतपुड़ा भवन में आग लग गई और कई दस्तावेज जलकर खाक हो गए थे। तब भी संचालनालय में आग पर कांग्रेस की ओर से कई सवाल उठाए गए थे।

2012 में भी आग की चपेट में सतपुड़ा भवन

सतपुड़ा भवन में 2018 से पहले भी एक बार आग लग चुकी है। साल था 2012, जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने से ठीक पहले 12 जून को इसी भवन के तीसरी मंजिल में आग लगी थी। उस वक्त भी राज्य में इसे लेकर खूब सियासत हुई।

अब एक बार फिर राज्य में चुनाव से ठीक चार माह पहले सतपुड़ा भवन में आग लगी है। इस बार भी विपक्षी दल आग को साजिश करार दे रहे हैं। हालांकि सत्ताधारी दल बीजेपी ने कहा है कि कार्यलय में कोई संवेदनशील दस्तावेज नहीं थे।

Created On :   13 Jun 2023 11:39 AM GMT

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