कांग्रेस-बीजेपी दोनों में बागियों का बोलबाला! रणनीति बनाने की जगह रूठने मनाने में जुटे दोनों दल

कांग्रेस-बीजेपी दोनों में बागियों का बोलबाला! रणनीति बनाने की जगह रूठने मनाने में जुटे दोनों दल
  • मध्य प्रदेश में चुनावी खेल से पहले नया गेम
  • बीजेपी और कांग्रेस चुनाव से पहले नेताओं से परेशान
  • बीजेपी और कांग्रेस के सामने चुनौतियों का पहाड़

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच राज्य में अभी से ही प्रेशर पॉलिटिक्स का खेल शुरू हो चुका है। जहां एक ओर राज्य की दो प्रमुख पार्टियां (बीजेपी और कांग्रेस) चुनावी रणनीति बनाने में लगी हुई हैं तो वहीं दूसरी तरफ दोनों दल के नेता अपने क्षेत्र में अपनी हैसियत को बताने और उम्मीदवारी तय कराने के लिए दांव चल रहे हैं। एमपी के करंट सिनेरियो की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए सत्ता का रास्ता साफ नहीं है और इस बात से नेतागण भी वाकिफ हैं। ऐसे में जो नेता खुद या अपने सहयोगियों को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। वे अभी से ही अपने दल पर दबाव बनाना शुरू कर चुके हैं।

टिकट या बगावती सुर

फिलहाल राज्य की स्थिति यह है कि सभी नेता अपनी उम्मीदवारी को तय करने में लगे हुए हैं। वह लगातार पार्टी पर दबाव बनना बेहतर विकल्प समझ रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का भी यह मानना है कि राज्य में बीजेपी और कांग्रेस दो ही प्रमुख पार्टियां है। शायद यही वजह है कि तमाम नेता दबाव का हथियार इस्तेमाल करके पार्टी से टिकट की जुगाड़ लगाना चाहते हैं। हाल ही में इसी दबाव की रणनीति के तहत बीजेपी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी ने अपने इलाके में भ्रष्टाचार के मुद्दे को तूल दिया था। साथ ही उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की भी बात कही। लेकिन उनकी बात पार्टी ने नहीं सुनी। जिसके बाद दीपक जोशी ने कांग्रेस का 'हाथ' थाम लिया।

चुनावी तैयारी से पहले मनाने की प्रक्रिया तेज

हालांकि, दीपक जोशी के अलावा भी बीजेपी के कई और ऐसे नेता हैं, जो अपनी पार्टी पर दबाव प्रक्रिया के तहत काम कर रहे हैं। लगातार इन सभी नेताओं के बयान से अटकलों का बाजार गर्म हो जाता है। जिससे पार्टी की भी मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई देती है। पार्टी के नेता अपनी चुनावी रणनीति को छोड़कर पहले इन नेताओं को मनाने में लग जाते हैं। इस मामले में बीजेपी की ओर से पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा, पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, अनूप मिश्रा जैसे कई अन्य नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। हालांकि, इस दबाव की रणनीति में केवल बीजेपी ही परेशानी का सामना नहीं कर रही है बल्कि कांग्रेस भी इससे अछूती नहीं है।

कांग्रेस पर भी प्रेशर पॉलिटिक्स का साया

हाल ही में कांग्रेस की ओर से पार्टी के वरिष्ठ नेता और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश सख्वार बीजेपी के साथ मिल गए। कांग्रेस में भी कई और ऐसे नेता हैं। जो राजनीति दबाव बनाने के फिराक में है। बीजेपी और कांग्रेस से बगावती तेवर अपनाने वाले नेताओं पर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत अन्य छोटे दलों की खास नजर है। राज्य की छोटी पार्टियां भी इन नेताओं पर बड़ा दांव खेलने के मूड में दिखाई दे रही हैं। ताकि इन नेताओं का जनाधार छोटे दलों को मिल सके। फिलहाल दोनों पार्टी अपने बगावती सुर अपनाने वाले नेताओं को मनाने में जुटी हुई हैं। ताकि चुनाव के दौरान अचानक दलबदल की स्थिति पैदा न हो और जनता में बेहतर संदेश दिया जाए।

Created On :   22 May 2023 12:52 PM GMT

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