आपातकाल के 50 साल पूरे: 1972 में इमरजेंसी लागू करने का फैसला सही? संजय राउत ने लिया इंदिरा गांधी का पक्ष, कहा- 11 साल से अघोषित Emergency..

- इमरजेंसी लागू हुए 50 साल पूरे
- संजय राउत ने ली इंदिरा गांधी की साइड
- बोले- आपातकाल को संवैधानिक मान्यता प्राप्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में 25 जून 1975 को कांग्रेस की सरकार ने इमरजेंसी घोषित कर दी थी। इस दिन को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार संविधान हत्या दिवस के रूप में मना रही है। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत का बयान सामने आया है। बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इंदिरा गांधी के पक्ष में अपनी बात रखी। सांसद ने कहा कि इंदिरा गांधी ने संविधान का पूरा सम्मान करते हुए आपातकाल लागू किया था। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि बीते 11 सालों से देश में अघोषित आपातकाल लागू है।
संजय राउत ने रखा अपना पक्ष
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने इंदिरा गांधी का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि संविधान का पूरा सम्मान करते हुए इंदिरा गांधी ने उस समय आपातकाल लगाया था। लोकतंत्र में आपातकाल को संवैधानिक मान्यता प्राप्त है, इसलिए आप इसे संविधान हत्या दिवस नहीं मान सकते। इंदिरा गांधी जोड़-तोड़ करके, पैसे का इस्तेमाल करके चुनाव जीत सकती थीं, लेकिन इंदिरा गांधी ने ऐसा नहीं किया। इंदिरा जी लोकतंत्र की चौकीदार थीं। पिछले 11 सालों से देश में अघोषित आपातकाल है।
#WATCH | Mumbai: Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, "By fully respecting the constitution, Indira Gandhi had imposed an emergency at that time...Emergency has constitutional recognition in democracy, so you cannot consider it as 'Samvidhan Hatya Diwas'. Indira Gandhi could have… pic.twitter.com/mZQoFaJWFT
— ANI (@ANI) June 25, 2025
'संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं 25 जून'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट शेयर किया। उन्होंने कहा, आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।
Created On :   25 Jun 2025 11:59 AM IST